आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 में जीतने के बाद राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के कोच पड़ का त्याग किया. इसके बाद गौतम गंभीर के अंडर टीम इंडिया ने साल 2025 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती लेकिन रेड बॉल क्रिकेट में भारत के साथ कई ख़ास सफलता नहीं लगी. गंभीर की निगरानी में पिछले 11 में सिर्फ दो टेस्ट मैच ही टीम इंडिया जीत सकी है. ऐसे में टीम इंडिया के अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच होने के विचार पर हरभजन सिंह ने बड़ा बयान दिया.
मेरे हिसाब से इसे लागू किया जा सकता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. आपके पास अलग-अलग फ़ॉर्मेट के लिए अलग-अलग टीमें और अलग-अलग खिलाड़ी होते हैं. अगर हम ऐसा कर सकते हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प होगा. इससे कोच समेत सभी का वर्कलोड कम हो जायेगा.
हरभजन सिंह ने आगे कहा,
एक समय में क्योंकि आपके कोच को भी किसी सीरीज़ की तैयारी के लिए समय चाहिए होता है. जैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच टेस्ट, फिर इंग्लैंड में, फिर कहीं और, जिससे कोच उस हिसाब से तैयारी करके अपनी टीम कैसे होनी चाहिए. इस पर विचार कर सकता है. अगर आप एक कोच पर पूरे साल बहुत ज़्यादा वर्कलोड देंगे तो उसका भी एक परिवार और ज़िम्मेदारियां होंगी. परिवार के साथ लगातार ट्रेवल करना आसान नहीं है. इसलिए अगर आप मुझसे पूछें तो लाल गेंद और सफ़ेद गेंद की कोचिंग को अलग-अलग करना एक अच्छा कदम हो सकता है.
बता दें कि टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर भारत के लिए सिर्फ रेड बॉल ही नहीं बल्कि लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट के भी कोच हैं. गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया को रेड बॉल में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सीरीज हार मिली थी. इसके बाद इंग्लैंड में भी टीम इंडिया टेस्ट सीरीज हारती हो तो इसके बाद गंभीर की जगह किसी और खिलाड़ी को रेड बॉल का कोच भी बनाया जा सकता है. फिलहाल बीसीसीआई ऐसा कुछ भी करने के मूड में नहीं है.
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