निकहत जरीन ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कमाल कर दिया है. निकहत ने गोल्ड मेडल जीता है. लेकिन उनकी संघर्ष के बारे में बेहद कम लोग जानते हैं.

निकहत का बॉक्सिंग में दबदबा

बॉक्सिंग में महिलाओं के 48-50 किग्रा भारवर्ग में निकहत जरीन ने स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने उत्तरी आयरलैंड की कार्ली को हराया है. 

बॉक्सिंग में गोल्ड

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में यह भारत का 48वां पदक था और बॉक्सिंग में तीसरा स्वर्ण. निकहत पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पदक जीती हैं. 

पहली बार CWG में पदक

निकहत ने इंग्लैंड की स्टबले अलफिया सवानाह को 5-0 से हराकर महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया था.

इस तरह की थी फाइनल में एंट्री

भारत की बेटी का संघर्ष

निकहत ने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. वहीं  उनको और उनके परिवार को काफी ताने भी सुनेने को मिले थे.

13 साल की उम्र में शुरू की बॉक्सिंग

निकहत ने छोटी उम्र से ही बॉक्सिंग शुरू कर दी थी. 15 साल की उम्र में निकहत ने सब जूनियर मीट में शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद 2011 में तुर्की में  जूनियर यूथ चैंपियनशिप जीता. 2014 में नेशनल कप में गोल्ड जीता. इंडिया ओपन इंटरनेशनल में ब्रॉन्ज जीता.

कट्टरवादी सोच को हराया

निकहत ने बॉक्सिंग को चुनने के लए रूढ़ी और कट्टरवादी सोच को पीछे छोड़ा और सपनों की उड़ान भरी.

तेलंगाना में हुआ जन्म

निकहत का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और मां का नाम परवीन सुल्ताना है. निकहत के परिवार में उनसे बड़ी दो बहनें और एक छोटी बहन है.

पिता ने दिखाया रास्ता

 जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं. निकहत ने कम उम्र में ही अपनी राह तलाश ली थी. महज 13 साल की उम्र में निकहत ने बॉक्सिंग की शुरुआत की.

मुश्किलों को किया पार

निकहत ने कड़ी ट्रेनिंग की. उनपर हिजाब पहनने का दबाव डाला गया. मर्दों के साथ ट्रेनिंग पर ताने मारे गए. लेकिन वो और उनका परिवार लड़ता रहा और आगे बढ़ता रहा.

मैरी कॉम को दी थी चुनौती

बॉक्सिंग ओलिंपिक चैंपियन मैरी कॉम को निकहत जरीन ने चुनौती भी दी थी. लेकिन बाद में मैरी ने यह बात कहते हुए टाल दिया था कि निकहत कौन हैं उन्हें मैं नहीं जानती.

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