देबाशीष मोहंती की कहानी

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती ने 20 जुलाई को अपना बर्थडे मनाया. मोहंती का इंटरनेशनल करियर काफी अनोखा रहा है. जानिए उनकी खास बातें.

देबाशीष मोहंती का जन्म 20 जुलाई को भुवनेश्वर में हुआ. वे 1997 में पहली बार टीम इंडिया में शामिल हुए और डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में 4 विकेट लिए. 

1997 में डेब्यू

देबाशीष मोहंती का टेस्ट करियर लंबा नहीं रहा और वे केवल दो ही मैच भारत के लिए खेल सके.

टेस्ट में नहीं मिली सक्सेस

अनवर को किया परेशान

मोहंती ने 1997 में टोरंटो कप से वनडे डेब्यू किया. इस टूर्नामेंट में 3 बार सईद अनवर को आउट किया. परेशान होकर अनवर ने सचिन से पूछा था कि यह कैसे बॉलिंग करता है. बॉल समझ ही नहीं आती. 

वर्ल्ड कप में चमके

उन्हें 1999 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम में लिया गया. उन्होंने 6 मैच में 10 विकेट लिए. भारत की तरफ से विकेट लेने में दूसरे नंबर पर रहे. 

बॉलिंग एक्शन बना लोगो

उनका बॉलिंग एक्शन काफी यूनिक था. बताया जाता है कि इसी वजह से उनके एक्शन को 1999 वर्ल्ड कप का लोगो बनाया गया.

एक पारी में लिए 10 विकेट

देबाशीष मोहंती के नाम एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है. यह काम उन्होंने जनवरी 2001 में दलीप ट्रॉफी में साउथ जोन के खिलाफ किया.

25 की उम्र में टीम से बाहर

देबाशीष मोहंती 2001 में आखिरी बार भारत के लिए खेले. 25 साल की उम्र में वे टीम इंडिया से बाहर हुए थे. उनके नाम 45 वनडे में 57 विकेट हैं.

खिलाड़ी के बाद का करियर

देबाशीष मोहंती 2011 में ओडिशा के कोच बने. बाद में ईस्ट जोन के कोच भी बने और उनके रहते टीम ने पहली बार दलीप ट्रॉफी जीती. 2020 में वे टीम इंडिया के सेलेक्टर भी रहे हैं. 

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