भारत का सपोर्ट स्टाफ

टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए ऑस्ट्रेलिया में है. 14 खिलाड़ियों के साथ 16 सदस्यीय सपोर्ट स्टाफ गया है. इन पर मैदान से बाहर रहकर भारत को वर्ल्ड कप जिताने का जिम्मा है.

राहुल द्रविड़ (मुख्य कोच)

टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ नवंबर 2021 में भारत के मुख्य कोच बने. वे अंडर-19 और इंडिया ए टीमों के कोच रहे हैं. टी20 वर्ल्ड कप उनकी पहली बड़ी चुनौती है.

पारस म्हाम्ब्रे (बॉलिंग कोच)

मुंबई से आने वाले पारस भारत के लिए तेज गेंदबाज के रूप में खेले हैं. 2016 से वे द्रविड़ के साथ अंडर-19 कोचिंग का हिस्सा रहे. राहुल द्रविड़ उन पर काफी भरोसा करते हैं.

विक्रम राठौड़ (बैटिंग कोच)

भारत के पूर्व ओपनर रहे हैं. साथ ही सेलेक्शन कमिटी का हिस्सा भी रह चुके हैं. 2019 वर्ल्ड कप के बाद से भारत के बैटिंग कोच हैं. उनके अभी तक के कार्यकाल की तारीफ हुई है.

टी दिलीप (फील्डिंग कोच)

39 साल के दिलीप पहले नेशनल क्रिकेट एकेडमी का हिस्सा थे. वे इंडिया ए के साथ ही हैदराबाद रणजी टीम के साथ रहे हैं. द्रविड़ के आने पर टीम इंडिया के फील्डिंग कोच बने. 

सोहम देसाई (स्ट्रेंथ कोच)

2017 में एनसीए में शामिल होने के बाद से वे भारतीय टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच हैं. उन पर खिलाड़ियों की फिटनेस की जिम्मेदारी रहती है. साथ ही डाइट भी तय करते हैं.

अरुण कानाडे (मसाज थेरेपिस्ट)

वे करीब 5 साल से भारतीय टीम के साथ हैं. इससे पहले आईपीएल टीम आरसीबी का हिस्सा रहे हैं. विराट कोहली और बाकी सीनियर खिलाड़ियों से उनकी अच्छी पटती है.

राजलक्ष्मी अरोड़ा (प्रडूसर)

वह प्रडूसर के रूप में कार्यरत है. उन पर बोर्ड की वेबसाइट पर वीडियो अपलोड करने का जिम्मा रहता है. साथ ही भारतीय खिलाड़ियों के इंटरव्यू अरेंज करने की जिम्मेदारी भी होती है. 

द्रविड़ के कोच बनने के बाद हरि टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा बने. वे कोचेज को खिलाड़ियों का डेटा देने के साथ ही विरोधी टीम की कमजोरी और ताकत के बारे में भी बताते हैं.

हरि मोहन (वीडियो एनालिस्ट)

2020 में वे किंग्स इलेवन पंजाब के साथ थे. फिर उन्हें भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया भेजा गया. बंगाल से आने वाले गरानी पहले मीडियम पेसर रहे हैं.

दयानंद गरानी(थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट)

वे पुणे के रहने वाले हैं और जनरल फिजिशियन हैं. वे आईपीएल टीम पुणे सुपर जाएंट्स, प्रो कबड्डी में पुणेरी पलटन के कंसल्टेंट रहे हैं. 2020 आईपीएल में वे आरसीबी का हिस्सा थे. 

डॉ. चार्ल्स मिंज (टीम डॉक्टर)

वे 2008 से 2011 के बीच भी भारत के मेंटल कंडीशनिंग कोच रहे थे. बाद में राजस्थान रॉयल्स के साथ भी काम किया. द्रविड़ के कहने पर वे वापस टीम इंडिया के साथ आए हैं.

पेडी अप्टन (मेंटल कोच)

नितिन पटेल के एनसीए जाने के बाद वे टीम के मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट बने. आईपीएल में KKR के साथ काम कर चुके हैं. बुमराह के वर्ल्ड कप खेलने न खेलने का फैसला उन्होंने ही किया. 

कमलेश जैन (हैड फिजियोथेरेपिस्ट)

वे पहले पत्रकार रहे हैं. वर्ल्ड कप के दौरान टीम से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने का जिम्मा उन पर ही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस का कामकाज भी वे ही देखते हैं. 

मौलिन पारिख (मीडिया मैनेजर)

बाएं हाथ के इस श्रीलंकाई को 2018 में टीम इंडिया के साथ जोड़ा गया था. 2018 से पहले वे श्रीलंकन टीम के फील्डिंग कोच के पद पर करीब 10 साल तक रहे. 

नुवान सेनेविरत्ने (थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट)

वे एनसीए, इंडिया अंडर 19 टीम के साथ काम कर चुके हैं. वे वर्कलोड मैनेजमेंट का काम देखते हैं. साथ ही गेंदबाजों से जुड़ी दिक्कतों का समाधान भी उन्हें ही ढूंढ़ना होता है. 

योगेश परमार (असिस्टेंट फिजियो)

वे मुंबई के रिटायर्ड एसीपी रहे हैं. उन पर खिलाड़ियों को अवांछित लोगों से दूर रखने का जिम्मा है. साथ ही खिलाड़ियों से जुड़ी सुरक्षा का मसला भी उन्हीं के पास है.

रवींद्र दोइफोडे (सिक्योरिटी ऑफिसर)

Click here for more stories