जॉनी बेयरस्टो टेस्ट क्रिकेट में अभी धूम मचाए हुए हैं. वे इस साल रनों के शिखर पर हैं. पर उनका बचपन और शुरुआती करियर दिक्कतों से गुजरा है. 

जॉनी बेयरस्टो जब 8 साल के थे तब उनके पिता डेविड ने सीढ़ियों को फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. वे क्रिकेटर रहे थे और इंग्लैंड के लिए टेस्ट व वनडे खेले. 

जॉनी जब छोटे थे तब ही उनकी मां जेनेट को कैंसर होने का खुलासा हुआ था. वह पुलिस फोर्स में काम किया करती थीं. एक बार कैंसर के इलाज के चलते जॉनी को भारत दौरा बीच में छोड़ना पड़ा था. 

2015 वर्ल्ड कप के कुछ समय बाद जॉनी बेयरस्टो ने दादा को खो दिया. पिता के गुजरने के बाद दादा ही उनकी देखरेख किया करते थे.

जॉनी बेयरस्टो एक बार अपनी बैटिंग को लेकर परेशान थे. फिर साइकोलॉजिस्ट से मदद ली. वहां अपने गेम के बारे में लिखा, गेंद देखो, मारो, डॉमिनेट, सिंपल रखो. इन बातों को वे हमेशा किटबैग में रखते हैं. 

बचपन में वे रग्बी, फुटबॉल और हॉकी भी खेला करते थे. सात से 15 साल की उम्र तक लीड्स जूनियर फुटबॉल टीम का हिस्सा रहे हैं. 

जॉनी साल 2022 में पांच टेस्ट शतक लगा चुके हैं. इनमें से तीन तो लगातार तीन टेस्ट में बनाए हैं. इस साल उन्हें रोकना मुश्किल लग रहा है.