भारतीय क्रिकेट के सबसे सफलतम कप्तानों में धोनी को गिना जाता है. जिन्होंने भारत को आईसीसी की एक नहीं बल्कि तीन-तीन ट्रॉफी जितवाई है.
बतौर कप्तान धोनी ने साल 2011 में भारत को 1983 के बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप जीत की ट्रॉफी का तोहफा दिया. जबकि इसके अलावा 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जिताई.
धोनी ने बतौर विकेटकीपर और बल्लेबाज कई कीर्तिमान अपने नाम किए. जिसमें बल्लेबाजी में उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट सभी प्रारूपों में मिलकर 17 हजार से अधिक रन बनाए हैं.
आपको जानकार हैरानी होगी कि धोनी ने कप्तानी, बल्लेबाजी और कीपिंग के अलावा गेंदबाजी में भी कई बार हाथ अजामया है. जिसके चलते उनके नाम सिर्फ एक विकेट ही शामिल है.
धोनी के वनडे करियर की बात करें तो 350 ODI उन्होंने खेले हैं, जिसमें उन्होंने सिर्फ दो बार ही गेंदबाजी की और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ एक विकेट वेस्टइंडीज के ट्रैविस डॉवलिन का विकेट हासिल किया है.
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 30 सितंबर साल 2009 आईसीसी चैंपियनशिप के दौरान साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में गेंदबाजी करते हुए डॉवलिन को क्लीन बोल्ड किया था. इस तरह धोनी की गेंद पर आउट होने वाले डॉवलिन इकलौते बल्लेबाज हैं.
धोनी के ODI करियर की बात करें तो उन्होंने दो बार गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 36 गेंदे फेंकी और इसमें 31 रन देकर एक विकेट का कारनामा उनके नाम शामिल है.
धोनी ने 90 टेस्ट मैचों की 7 पारियों में गेंदबाजी करके हाथ अजमाया लेकिन उन्हें एक भी विकेट नहीं नसीब हुआ. धोनी ने टेस्ट में 96 गेंद फेंकी और 67 रन दे डाले.
महेंद्र सिंह धोनी सबसे पहले भारत के टी20 टीम इंडिया के कप्तान बने थे और साल 2007 वर्ल्ड कप जीतने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लेकिन इस छोटे फॉर्मेट में धोनी ने कभी गेंदबाजी करने का रिस्त नहीं उठाया.