अंतिम पंघाल ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप्स जीतकर इतिहास रचा. 17 साल की यह पहलवान पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने यह कमाल किया है. जानिए कौन है ये पहलवान.

वर्ल्ड चैंपियन अंतिम पंघाल

अंतिम हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं. उन्होंने कजाखस्तान की एल्टिन शागायेवा को 8-0 से हराया. इसके साथ ही 34 साल में पहली बार भारतीय महिला ने अंडर-20 चैंपियनशिप जीती.

हिसार से हैं अंतिम

अंतिम का जन्म अगस्त 2004 में हुआ था. वे घर की चौथी बेटी थीं ऐसे में पिता ने नाम अंतिम रखा. यह इसलिए हुआ क्योंकि वे अब वे एक और बेटी नहीं चाहते थे. 

घर की चौथी बेटी

अंतिम के पिता ने स्पोर्टस्टार को बताया कि तीन बेटियों के बाद वे बेटा चाहते थे. गांव में रिवाज है कि ज्यादा बेटियां होने पर अंतिम, काफी या भतेरी जैसे नाम रखते हैं. 

कैसे पड़ा नाम

अंतिम के पिता रामनिवास कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं. उनकी बड़ी बहन सरिता भी कबड्डी खिलाड़ी रही हैं. ऐसे में अंतिम के भी इस खेल से जुड़ने की संभावना थी लेकिन वह कुश्ती में गईं. 

पिता ने खेली है कबड्डी

हिसार में रोशनी देवी नाम की एक कोच मिली. उन्होंने अंतिम को कुश्ती में लाने पर जोर दिया. उन्होंने अंतिम के पिता से कह दिया था कि आप नहीं खिला पाओ तो मैं उसे पाल लूंगी.

कोच ने दिया था ऑफर

अंतिम की कुश्ती के लिए उनका पूरा परिवार गांव से हिसार शिफ्ट हुआ. पहले किराए के मकान में रहे फिर खुद का घर बनाया ताकि भैंसों को भी रखा जा सके.

कुश्ती के लिए छोड़ा गांव

अंतिम के पिता का कहना है कि बेटी की कुश्ती के लिए अच्छा खाना-पीना जरूरी है. दूध काफी अहम है. शहर में मिलने वाले दूध पर उन्हें भरोसा नहीं है. उनके पास तीन भैंस और एक गाय है. 

घर दूध-दही पर भरोसा


पिता ने बेचे गाड़ी-घोड़े

पैसों के बंदोबस्त के लिए उन्होंने अपना टेंपो ट्रक, बाइक्स और एक ट्रेक्टर बेच दिया. दोस्तों से भी उधार लिया. 

अंतिम ने 2018 में अंडर-15 नेशनल, एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, 2019 और  2020 में केडेट  U-17 नेशनल खिताब जीता. वहीं 2022 में  U-23 एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर जीता.

अंतिम को मिली ये कामयाबियां

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