कॉमनवेल्थ गेस्म 2022 में भारत ने अभी तक कुल 20 पदकों पर कब्ज़ा जमा लिया है. जिसमें सबसे अधिक 11 मेडल वेटलिफ्टिंग में हासिल किए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कौन-कौन से एथलीट पदक जीत चुके हैं :-
टोक्यो ओलिंपिक की स्टार सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने मेडल का रंग बदला और इस बार गोल्ड पर कब्जा जमाया. मीरा ने 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग में भारत इन खेलों का को पहला गोल्ड दिलाया.
यूथ ओलिंपिक में धमाल मचाने वाले जेरेमी लालरिनुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की 67 किग्रा वेटलिफ्टिंग स्पर्धा का गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
भारत की वेटलिफ्टर अचिंता सहुली ने 73 किग्रा वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में देश को गोल्ड मेडल दिलाया. ये उनके करियर का पहला कॉमनवेल्थ मेडल भी है.
भारत के वेटलिफ्टर संकेत सारगर ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अपने सिल्वर मेडल से देश का खाता खोला था. संकेत ने 55 किग्रा भार वर्ग में अपना मेडल जीता.
संकेत के बाद वेटलिफ्टिंग में विकास ठाकुर ने भी अपना नाम कमाया और 96 किग्रा भर वर्ग में देश के लिए सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया.
महिला वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के ही मणिपुर से आने वाली बिंदियारानी ने भी कमाल किया. उन्होंने 55 किग्रा भर वर्ग में अपने करियर का पहला कॉमनवेल्थ गेम्स सिल्वर मेडल हासिल किया.
शादी करने के बाद पिछले एक साल से पत्नी से दूर रहने वाले गुरुराजा की तपस्या काम आई और उन्होंने वेटलिफ्टिंग के 61 किग्रा भार वर्ग में देश को कांस्य पदक दिलाया.
महिलाओं में इस बार वेटलिफ्टिंग में धमाल मचा डाला. जिस कड़ी में बिंदियारानी और मीराबाई चानू के बाद हरजिंदर कौर ने 71 किग्रा भर वर्ग में मेडल कांस्य मेडल पर कब्जा जमाया.
भारतीय नौसेना में काम करने वाले लवप्रीत सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग में धमाल मचाया और 109 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक पर कब्ज़ा किया.
गुरदीप सिंह ने 109 किग्रा से अधिक भार वर्ग में वेटलिफ्टिंग में दस का दम दिखाया और इस खेल में भारत को 10वां मेडल कासनी पदक के रूप में दिलाया.
भारत के लिए पदक जीतने में पैर एथलीट भी किसी से कम नहीं है. वेटलिफ्टिंग की पैर पॉवरलिफ्टिंग कैटेगरी में सुधीर ने देश को गोल्ड मेडल जिताया.
भारत ने वेटलिफ्टिंग के बाद जुडो में भी धमाल मचाया और तुलिका मान 30 सेकेंड से गोल्ड मेडल जीतने चूक गई. इस तरह तुलिका ने काफी अर्से बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में 78 किग्रा भार वर्ग में देश को सिल्वर मेडल दिलाया.
महिला जूडोका के बाद पुरुषों ने भी अपना दमखम दिखाया और भारत के विजय कुमार यादव ने जुडो में भारत को कांस्य पदक दिलाया.
महिला की जुडी चैंपियनशिप के 48 किग्रा भार वर्ग में सुशीला देवी ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया.
हरमीत देसाई, जी. साथियान, सानिल शेट्टी और शरथ कमल की टीम ने टेबल टेनिस में कमाल करते हुए भारत को गोल्ड मेडल दिलाया.
भारत ने पहली बार नए खेल लॉन बॉल्स में इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीता. जिसमें महिलओं लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी की टीम ने ये कारनामा करके दिखाया.
भारत ने एथलेटिक्स में भी अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया है. जिस कड़ी में पहली बार भारत को मुरली श्रीशंकर ने लॉन्ग जम्प इवेंट में देश को पहला सिल्वर मेडल जिताया.
मुरली श्रीशंकर से पहले भारत के हाई जम्प एथलीट तेजस्विन शंकर ने भी कमाल दिखाया. उन्होंने देश को एथलेटिक्स के हाई जम्प इवेंट में कांस्य पदक के साथ पहला मेडल जिताया था.
35 साल की उम्र में सौरव घोषाल ने इतिहास रचा और स्क्वाश की सिंगल्स स्पर्धा में उन्होंने अपने करियर का पहला कॉमनवेल्थ गेम्स पदक हासिल किया.
पीवी सिंधु और किदाम्बी श्रीकांत जैसे सितारों से सजी भारतीय बैडमिंटन टीम मिक्स्ड टीम (पी.वी. सिंधु, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, अश्विनी पोनप्पा) इवेंट के फाइनल में गोल्ड मेडल से चुक गई और उसे सिल्वर से संतोष करना पड़ा.