10,000 मीटर रेस में प्रियंका ने इतिहास रच दिया है. प्रियंका ने भारत को ट्रैक एंड फील्ड में तीसरा मेडल दिलाया है.
10,000 मीटर रेस वॉक इवेंट में भारत को मेडल दिलाने वाली प्रियंका पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं.
प्रियंका ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इस लंबी दूरी को 49 मिनट 38 सेकंड में पूरा किया.
इसी के साथ उन्होंने मुरली श्रीशंकर (लॉन्ग जंप में सिल्वर) और तेजस्विन शंकर (हाई जंप में ब्रॉन्ज) की लिस्ट में अपना नाम शामिल करा लिया, जिन्होंने इन खेलों की ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में मेडल जीते हैं.
रेस के लिए जैसे ही विसेल बजी प्रियंका ने अपनी स्पीड पकड़ ली. वो 4000 मीटर के मार्क तक पहले पायदान पर बनी रही. जब 6000 मीटर की रेस और बची थी तो ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा ने उन्हें पीछे छोड़ दिया और वो दूसरी नंबर पर आ गईं.
जेमिमा मोंटाग ने 42:38 का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रियंका दूसरे स्थान पर रहीं. प्रतियोगिता में शामिल अन्य भारतीय भावना जाट 8वें स्थान पर रहीं.
कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली दूसरी रेसवॉकर भी हैं. उनसे पहले हरमिंदर सिंह ने 2010 खेलों में 20 मीटर रेसवॉक में कांस्य पदक जीता था.
माधवपुरम निवासी एथलीट प्रियंका गोस्वामी मूल रूप से मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं. आज उन पर पूरा शहर गर्व कर रहा है. वह देश के लिए पदक जीतने वाली खिलाड़ी बनी हैं.
रेलवे में कार्यरत प्रियंका अभी तक 20 किमी. पैदल चाल में 3 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुकी हैं, जबकि 16 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 14 में पदक अपने नाम कर चुकी हैं
टोक्यो ओलिंपिक में तो वह पदक नहीं जीत सकीं, लेकिन पदक की चाहत को प्रियंका ने बर्मिंघम में पूरा कर दिखाया.