अनुभवी भारत और बंगाल के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, बंग विभूषण (Banga Bibhushan) पुरस्कार मिला है. साहा ने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों से बंगाल की टीम को छोड़ त्रिपुरा की टीम का हाथ थाम लिया था. ऐसे में अब इस खिलाड़ी को कोलकाता के नजरूल मंच में आयोजित एक कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जरिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साहा त्रिपुरा की टीम में एक मेंटोर और खिलाड़ी के तौर पर शामिल हुए हैं. बंग विभूषण पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो कला, सिनेमा और अलग अलग क्षेत्रों में अपने टैलेंट से कमाल करते हैं. साहा के साथ, तीन फुटबॉल क्लब, मोहन बागान, पूर्वी बंगाल और मोहम्मडन को भी बंग विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
सीएम ने पूछा सवाल
साहा ने इस पुरस्कार के लिए ममता बनर्जी और पश्मि बंगाल सरकार का आभार जताया है. साहा ने लिखा, मैं माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बंगाल सरकार और प्रशासन का आभारी हूं, जिन्होंने इस पुरस्कार के लिए मेरे नाम पर विचार किया. मैं इसे प्राप्त कर वास्तव में सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने साहा से पूछा कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बंगाल को क्यों छोड़ा? ऐसे में सिलीगुड़ी में जन्मे क्रिकेटर ने कहा कि अगर मौका मिला तो वह भविष्य में जरूर वापसी करेंगे.
बता दें कि, गायक कुमार शानू, अभिजीत भट्टाचार्य, कौशिकी चक्रवर्ती और श्रेया घोषाल सहित कई जानी-मानी हस्तियों को बंग विभूषण पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया . वहीं इससे पहले, मन्ना डे, सुप्रिया देवी, लेस्ली क्लॉडियस, सौरव गांगुली भी राज्य के सबसे बड़े पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है.
साहा का करियर
37 वर्षीय साहा के फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 122 मैचों में करीब 42 के औसत से कुल 6423 रन बनाए हैं. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 38 अर्धशतक और 13 शतक भी लगाए हैं जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 203 रन है. साहा ने खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट और 9 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने अभी तक 40 टेस्ट मैच खेले हैं और 29.41 की औसत से 6 अर्धशतक और 3 शतकों की बदौलत कुल 1353 रन बनाए हैं. सीनियर बल्लेबाज इंडियन प्रीमियर लीग के पिछले सीजन में नई टीम गुजरात टाइटन्स का हिस्सा था जहां अंत में टीम चैंपियन बनी थी.