आइनट्राख्ट फ्रैंकफर्ट (Eintracht Frankfurt) ने आखिरकार 42 साल का इंतजार खत्म कर दिया और यूरोपियन ट्रॉफी (European Cup) खिताब पर कब्जा कर लिया. जर्मन क्लब ने पेनाल्टी (Penalty) शूटआटउ में रेंजर्स को बुधवार को हुए यूरोपा लीग फाइनल में मात दी. फुल टाइम में दोनों का स्कोर 1-1 था. पेनाल्टी में 5-4 के स्कोर से फ्रैंकफर्ट ने यहां फाइनल मुकाबले में पर कब्जा किया. वहीं शानदार गोलकीपिंग के लिए फ्रैकफर्ट के केविन ट्राप को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड से नावाजा गया. कोलंबिया के स्ट्राइकर राफेल बोर ने दूसरे हाफ में फ्रैंकफर्ट के लिए बराबरी का गोल ठोका. टीम ने 1980 यूईएफए कप के बाद पहली बार यूरोपियन ट्रॉफी जीती है. इस जीत के साथ टीम अब अगले सीजन में चैंपियंस लीग का भी हिस्सा बनेगी.
गोलकीपर ने दिलाई जीत
ट्राप ने जीत के बाद कहा कि, काफी अलग महसूस हो रहा है. मैं अभी भी अपनी सांसों को कंट्रोल कर रहा हूं. फ्रैंकफर्ट के लिए जर्मनी के लिए ये बेहतरीन जीत है. अपने फैंस को सबकुछ वापस देना वो भी इस तरह से, बेहद स्पेशल महससू हो रहा है. बता दें कि ट्राप पेरिस सेंट जर्मेन के पूर्व गोलकीपर रह चुके हैं. ट्राप ने फाइनल मिनट में गोल बचाकर अपनी टीम को खिताब जिताया. दूसरी टीम से रयान केंट यहां पेनाल्टी ले रहे थे लेकिन वो गोल नहीं कर पाए. इसके बाद एरोन रामसे के पेनाल्टी को अपने बाएं पैर से रोकते ही स्टेडियम में बैठे फैंस जश्न मनाने लगे.
रेंजर्स को उस वक्त लीड मिली जब जो अरीबो ने 57वें मिनट में गोल किया लेकिन 69वें मिनट में फ्रैंकफर्ट के लिए बोर ने बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रैंकफर्ट अब यूरोपा लीग की तीसरी टीम बन गई है जिसे हार नहीं मिली. इससे पहले साल 2019 में चेल्सी और 2021 में विलारियल की टीम ऐसा कारनामा कर चुकी है. आर्सनल और युवेंटस के पूर्व मिडफील्डर रामसे यहां फाइनल मिनट में मैच में आए. फ्रैंकफर्ट के लिए क्रिस्टोफर लेंज, अज्जिन रस्टिक, दाइची कमाडा, फिलिप कोस्टिक ने पेनाल्टी में गोल दागे. जबकि जेम्स तावेरनियर, स्टीवन डेविस, स्कॉट एयरफील्ड, कीमा रूफ ने रेंजर्स के लिए पेनाल्टी में गोल दागे.