भुवनेश्वर. रोमांच के चरम तक चले फाइनल में बेल्जियम को सडन डेथ में मात देकर जर्मनी ने अपने तीसरे हॉकी वर्ल्ड कप पर शान से कब्जा जमाया. नियमित समय में दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं जिसके बाद खिताबी मुकाबले का नतीजा पेनल्टी शूटआउट में भी नहीं हो सका जहां बात 3-3 की ही बराबरी पर जाकर अटक गई. इसके बाद मुकाबला सडन डेथ तक जा पहुंचा जहां बाजी जर्मनी के हाथ लगी. जर्मनी ने सडन डेथ में अपने शुरुआती दोनों मौकों को भुनाया जबकि बेल्जियम की टीम दूसरे मौके पर चूक गई. जर्मनी चौथी टीम है जिसने तीन या इससे ज्यादा बार वर्ल्ड कप जीतने का कमाल किया है. उससे पहले पाकिस्तान चार, ऑस्ट्रेलिया व नेदरलैंड्स ने तीन-तीन बार खिताब जीता. बेल्जियम खिताब की रक्षा करने में नाकाम रहा. वह डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरा था. साथ ही वह ओलिंपिक चैंपियन भी है. जर्मनी को ओलिंपिक में भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में हराया था.
पेनल्टी शूटआउट में ऐसा रहा रोमांच
सबसे पहले बेल्जियम के फ्लोरेंट वैन ऑबेल ने गोल किया जिसके बाद निकलस वेलेन ने जर्मनी को बराबरी दिलाई. दूसरे प्रयास पर बेल्जियम के ऑर्थर डी स्लूवेर चूक गए जबकि जर्मनी को हैनेस मुलर ने 2-1 से बढ़त दिला दी. तीसरे प्रयास में दोनों टीमें गोल नहीं कर सकी. जबकि चौथी कोशिश में बेल्जियम के लिए टैंग्वे कोसिंस और जर्मनी के लिए थिएल प्रिंज ने गोल किए. अब एक-एक प्रयास बाकी था और जर्मनी के पास 3-2 की बढ़त थी. यहां बेल्जियम के लिए एंटोनी किना ने गोल कर दिया जबकि जर्मनी के मैट्स ग्रैंबुश के हाथ खाली रहे और मुकाबला सडन डेथ में जा पहुंचा.
सडन डेथ की कहानी
यहां शुरुआत जर्मनी ने की जिसके लिए निकलस वेलेन ने गोल दागा जबकि बेल्जियम को बराबरी दिलाने का काम फ्लोरेंट वैन ऑबेल ने किया. इसके बाद जर्मनी के थिएस प्रिंज ने टीम को बढ़त दिलाई. वहीं बेल्जियम के लिए टैंग्वे कोसिंस के चूकते ही जर्मनी वर्ल्ड चैंपियन बन गया.
चौथे क्वार्टर में जबरदस्त टक्कर
जर्मनी ने चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही 47वें मिनट में मैट्स ग्रैम्बुश के गोल की बदौलत अहम बढ़त हासिल कर मैच में 3-2 की लीड ले ली. जब लग रहा था कि जर्मनी क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल की ही तरह फाइनल में भी पिछड़ने के बाद वापसी की मिसाल पेश करते हुए मुकाबला जीत लेगी तभी 58वें मिनट में टॉम बून ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर जर्मनी के प्रशंसकों की सांसें ही थाम दी. इस तरह नियमित समय में मुकाबला 3-3 की बराबरी पर खत्म हुआ.
नीदरलैंड को हराकर ऑस्ट्रेलिया ने कब्जाया कांस्य पदक
कप्तान थिएरी ब्रिंकमैन के दो गोल की मदद से नीदरलैंड ने आक्रामक प्रदर्शन करते हुए दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप में कांस्य पदक अपने नाम किया. ब्रिंकमैन ने 35वें और 40वें मिनट में दो गोल किए जबकि एक गोल पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ जिप जानसेन ने 33वें मिनट में दागा. ऑस्ट्रेलिया के लिए एकमात्र गोल पेनल्टी कॉर्नर विशेष जेरेमी हेवार्ड ने 13वें मिनट में किया. नीदरलैंड ने इस तरह लगातार चौथी बार पोडियम स्थान हासिल किया और टीम हॉकी वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा पदक जीतने के मामले में ऑस्ट्रेलिया के बराबर पहुंच गई है.
नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों के अब विश्व कप के 15 सीजन में 10-10 पदक हैं. नीदरलैंड की टीम 2010 में तीसरे स्थान पर रही थी जबकि 2014 और 2018 में उप विजेता बनी थी. उसने 1973, 1990 और 1998 में स्वर्ण पदक जीता था. तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के लिए 1998 चरण के बाद यह पहला मौका है जब वह बिना पदक स्वदेश लौटेगी. 1998 में टीम चौथे स्थान पर रही थी. पिछले चरण में उसने यहां कांस्य पदक जीता था.