पिछले साल 2022 में क्रिकेट के आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप और फिर फुटबॉल के सबसे बड़े फीफा वर्ल्ड कप 2022 के बाद अब नए साल यानि 2023 की शुरुआत में सबसे पहले हॉकी वर्ल्ड कप 2023 भारत में खेला जाएगा. इसके लिए यूरोप सहित दुनियाभर की सभी टीमें भारत के ओड़िशा राज्य में पहुंच रहीं हैं. भारत ने पिछली बार साल 2018 में भी इस टूर्नामेंट की मेजबानी की थी. जिसके फाइनल मैच में स्पेन ने नीदरलैंड्स को हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमाया था. इसके बाद अब एक बार फिर से 13 जनवरी से हॉकी वर्ल्ड कप का आगाज भुवनेश्वर और राउरकेला में होने जा रहा है. ऐसे में हॉकी वर्ल्ड कप की चर्चा जोरों पर हैं तो जानते हैं कि हॉकी के इतिहास में सबसे पहले किस व्यक्ति ने इसका आइडिया दिया और उसके बाद पाकिस्तान को कैसे सजा भुगतनी पड़ी थी.
पाकिस्तानी मार्शल ने दिया था आइडिया
हॉकी वर्ल्ड कप की बात करें तो इसका 15वां एडिशन भारत में खेला जाएगा. जिसकी शुरुआत साल 1971 में हुई थी और पहले वर्ल्ड कप की मेजबानी स्पेन को मिली थी. वहीं हॉकी वर्ल्ड कप कराने वाले आइडिया की बात करें तो पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान के दिमाग में सबसे पहले ये विचार उपजा था. उन्होंने वर्ल्ड हॉकी पत्रिका के पहले संपादक पैट्रिक राउली के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) से इसके बारे में विचार साझा किया था. जिसके बाद एफआईएच ने इसे गंभीरता से लिया और साल 1969-70 में हॉकी वर्ल्ड कप को पाकिस्तान में कराने का ऐलान कर डाला गया.
भारत-पाकिस्तान युद्ध आया आड़े
जिस समय पाकिस्तान में हॉकी वर्ल्ड कप कराने का ऐलान किया गया. ठीक उसी समय भारत की सेना पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने में व्यस्त थी. जिसके चलते बांग्लादेश मुक्ति युद्ध चल रहा था. जबकि इससे ठीक छह साल पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में युद्ध हो चुका था. इस तरह 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनातानी को देखकर एफआईएच ने पहले हॉकी वर्ल्ड कप को कहीं और कराने का फैसला लिया.