भारत ने अभी तक एक बार हॉकी वर्ल्ड कप अपने नाम किया है. उसने 1975 में मलेशिया में हुए वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीती थी. इसके बाद से टीम न केवल खिताब बल्कि सेमीफाइनल तक में पहुंचने के लिए तरस रही है. हॉकी वर्ल्ड कप 2023 भारत में ही हो रहा है. ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला में टूर्नामेंट के मुकाबले खेले जाएंगे. 13 जनवरी से शुरू हो रहे इस वर्ल्ड कप में भारतीय हॉकी टीम को मेडल जीतने का दावेदार माना जा रहा है. हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, नेदरलैंड्स जैसी मजबूत टीमों का सामना करना होगा. लेकिन यह टीम 1975 की जीत से प्रेरणा ले सकती है जब भारत ने अजीतपाल सिंह की कप्तानी में पहला खिताब जीता था.
1975 में भारतीय टीम, ऑस्ट्रेलिया, घाना, अर्जेंटीना, वेस्ट जर्मनी और इंग्लैंड जैसी टीमों के साथ थी. भारत ने पहला मैच इंग्लैंड से खेला और 2-1 से जीत हासिल की. दूसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से सामना हुआ और यह 1-1 से बराबरी पर छूटा. तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने घाना को हॉकी का सबक सिखाया और 7-0 से रौंद दिया. मगर फिर झटका लगा. उसे अर्जेंटीना के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अर्जेंटीना को तब कमजोर टीमों में गिना जाता था. ऐसे में 2-1 से मिली हार ने भारत की उम्मीदों पर करारा प्रहार किया था. इसके चलते भारत को सेमीफाइनल में जाने के लिए वेस्ट जर्मनी जैसी मजबूत टीम को हराना था.
कोच ने दिया हौंसला
इसके बाद अगले मैच में भारत ने वेस्ट जर्मनी को 3-1 से शिकस्त दी और सेमीफाइनल का टिकट कटाया. दोनों ही टीमों ने ग्रुप में पहले और दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया और सेमीफाइनल में जगह बनाई. सेमीफाइनल में भारत के सामने मेजबान मलेशिया की टीम थी. इस मुकाबले को टीम इंडिया ने 3-2 से जीता और पाकिस्तान से फाइनल टक्कर तय की.
1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम
अजीत पाल सिंह (कप्तान), अशोक कुमार, असलम शेर खान, हरचरण सिंह, लेजली फर्नांडेज, वरिंदर सिंह, अशोक दीवान, माइकल किंडो, बीपी. गोविंदा, एच.जे.एस. चिम्नी, विक्टर फिलिप्स, ओनकार सिंह, बीपी कालिया , सुरजीत सिंह, मोहिंदर सिंह, शिवाजी पवार, हरजिंदर सिंह.
फाइनल में पाकिस्तान को हराया
पाकिस्तान तब तक हॉकी वर्ल्ड कप जीत चुका था. वहीं भारत की झोली खाली थी. साथ ही दोनों देशों के रिश्तों में भी तब तल्खी चल रही थी. चार साल पहले ही दोनों ने 1971 की जंग लड़ी थी जिसमें भारत जीता था और बांग्लादेश के रूप में नया देश बना. फाइनल में पाकिस्तान की तरफ से मोहम्मद जाहिद ने 17वें मिनट में ही गोल दाग दिया और बढ़त ले ली. पहले हाफ तक भारत पीछे ही रहा. मगर दूसरे हाफ में टीम इंडिया ने पलटवार किया और सात मिनट में दो गोल दाग दिए. पहले सुरजीत सिंह ने 44वें मिनट में पाकिस्तानी डिफेंस में सेंध लगाई और गोल बटोरा. 51वें मिनट में अशोक कुमार (ध्यान चंद के बेटे) ने विजयी गोल दागा. इसके साथ ही इतिहास बन गया.