भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने यहां एशिया कप (Asia Cup) ब्रॉन्ज मेडल (Bronze Medal) अपने नाम कर लिया है. टीम इंडिया टूर्नामेंट से बिना किसी मेडल के बाहर होने की कगार पर थी, लेकिन जापान के खिलाफ 1-0 की जीत ने यहां टीम को मेडल दिलवा दिया. आखिर के एक मिनट में भारतीय टीम 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर थी क्योंकि मनजीत सिंह को येलो कार्ड मिला था. जापान की टीम लगातार कोशिश करती रही, लेकिन टीम इंडिया ने यहां शानदार डिफेंस दिखाया. सुपर 4 स्टेज में टीम इंडिया ने एक भी मैच नहीं गंवाया था लेकिन फिर भी टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई. टीम ने पाकिस्तान को बाहर कर सुपर 4 के लिए क्वालीफाई किया था और फिर जापान को हराकर अगले स्टेज में पहुंची लेकिन मलेशिया के खिलाफ ड्रॉ ने टीम को धक्का दिया और साउथ कोरिया के खिलाफ एक और ड्रॉ ने टीम के लिए पूरा टूर्नामेंट खराब कर दिया. गोल अंतर के कारण टीम को यहां बाहर होना पड़ा. जापान अब तक अपने तीनों मुकाबले हार चुकी है. भारत की तरफ से राजकुमार पाल ने इकलौता गोल किया और टीम को ब्रॉन्ज मेडल जितवा दिया.
7वें मिनट में राजकुमार का गोल
राजकुमार ने यहां 7वें मिनट में टीम इंडिया के लिए गोल किया लेकिन असली कमाल उत्तम सिंह ने किया था. सिंह ने शानदार काउंटर किया और फिर ड्रिबल कर कई डिफेंडर्स को मात दी. इसके बाद उन्होंने गेंद को राज कुमार पाल को पास किया. जापान को 7 पेनाल्टी कॉर्नर मिले जबकि टीम इंडिया को सिर्फ दो. बता दें कि इस टीम में कुल 12 डेब्यूटेंट थे जहां सिर्फ लाकरा और सिमरनजीत सिंह ही टोक्यो ओलिंपिक मेडल विजेता टीम का हिस्सा रहे थे. ऐसे में ये बात तो साफ हो गई कि टीम के पास कई ऐसे दमदार खिलाड़ी हैं जो इंटरनेशनल लेवल पर धमाल मचा सकते हैं.
कप्तान बीरेंद्र लाकड़ा बने प्लेयर ऑफ द मैच
कप्तान लाकड़ा को यहां प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया. जीत के बाद उन्होंने कहा कि, हमारे लिए ये बेहद मुश्किल था. हम सभी एक दूसरे को मिलकर मोटिवेट कर रेह थे. क्योंकि हम फाइनल में क्वालीफाई करने से चूक चुके थे लेकिन कोच ने हमें आत्मविश्वास दिया जिसका नतीजा ये रहा कि हम मैच जीतने में कामयाब रहे. हम पहले मैच में ही जापान से मैच गंवा चुके थे. लेकिन खिलाड़ियों ने अच्छी ट्रेनिंग की थी. मैं अपनी टीम से काफी ज्यादा खुश हूं. ये टीम गलती के साथ इसे जल्दी सुधारती भी है.