टोक्यो ओलिंपिक ने भरोसा दिया, हॉकी में हम दुनिया की किसी भी टीम से भिड़ सकते हैं : नेहा गोयल

टोक्यो ओलिंपिक ने भरोसा दिया, हॉकी में हम दुनिया की किसी भी टीम से भिड़ सकते हैं : नेहा गोयल

टीम की प्रतिभाशाली और योग्य मिडफील्डर नेहा गोयल उस भारतीय महिला हॉकी टीम का हिस्सा थीं जो पहली बार ओलिंपिक सेमीफाइनल में पहुंची थी. भारतीय महिला हॉकी टीम ने ये कारनामा टोक्यो ओलिंपिक 2020 में में अंजाम दिया था. टीम भले ही ग्रेट ब्रिटेन से हारकर कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी, लेकिन सोनीपत की ये 24 वर्षीय खिलाड़ी भारत के ऐतिहासिक प्रर्दशन से बहुत कुछ सकारात्मक लेकर लौटीं. नेहा ने कहा, “टोक्यो ओलिंपिक के हमारे प्रर्दशन ने हमारी सोच को बदला है और हमें यह आत्मविश्वास दिया है कि हम दुनिया की किसी भी टीम से भिड़ सकते हैं. क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर हमारी जीत ने हमारी सोच को बदला. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने ग्रुप के सभी मैच जीते थे और वह ग्रुप में शीर्ष पर थे. उन्हें हराकर हमें बहुत आत्मविश्वास मिला जो हमें आगे भी काम आएगा जब हम भविष्य में आगे बड़े टूर्नामेंट की तैयारी करेंगे. सोच बदलने के साथ हमने अपने अभ्यास और फिटनेस लेवल को भी बढ़ा दिया है.”

डिफेंस और अटैक दोनों को मदद पहुंचाने पर फोकस 
नेहा का लक्ष्य अब अपने खेल को और निखारने का है ताकि आने वाले टूर्नामेंट में टीम की सफलता में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सकें. उन्होंने कहा, “एक टीम के तौर पर हमारा लक्ष्य एशियन गेम्स और अगले साल होने वाले विश्व कप में अच्छा प्रर्दशन करना है. मैं अपने खेल पर काम कर रहीं हूं ताकि टीम की सफलता में योगदान दे सकूं. एक सेंटर के तौर पर मेरा काम है कि दोनों छोरों पर मैं असरदार रहूँ ताकि डिफेंस और अटैक दोनों की मदद कर सकूँ. मुझे लगता है कि मैं एक योग्य खिलाड़ी हूँ और अटैक करना मेरे स्वभाव में है, लेकिन मैं अपने गेम में संतुलन बैठाना चाहती हूँ.