भारत 2036 में होने वाले ओलिंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करने की पुरजोर कोशिश में जुटा है. पोलैंड, इंडोनेशिया, मेक्सिको, कतर की मजबूत दावेदारी की खबरों के बीच केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने आश्वासन दिलाया है कि भारत के पास पर्याप्त साधन मौजूद हैं और दूसरे देशों की दावेदारी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इस बीच उन्होंने ओलिंपिक की मेजबानी की तुलना आईपीएल से भी की है.
ओलिंपिक मेजबानी पैसों की बर्बादी नहीं
ओलिंपिक की मेजबानी के चलते होने वाले खर्च को कल्याणकारी योजनाओं में लगाए जाने की मांग पर अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैं आपको एक उदाहरण देता हूं, जब आईपीएल शुरु होता है तो उससे हजारों नहीं, लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. ओलिंपिक की मेजबानी से पैसा बर्बाद नहीं होगा, बल्कि देश को लोगों को रोजगार भी मिलेगा. ”
हम पूरी तरह से तैयार हैं
ओलिंपिक 2036 की मेजबानी की रेस में बाकी देशों से मिल रही कड़ी चुनौती पर उन्होंने कहा, “अगर अपने खर्च को देखें, तो इस साल हमने 11.11 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले साल 10 लाख करोड़ था. देश में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर 5000 करोड़ का है, जो अगर 20 हजार करोड़ भी हो जाए, तो भी बात बन सकती है. हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है और हम मेजबानी को हासिल कर लेंगे. ”
खेल मंत्री ठाकुर ने इससे पहले भी कह चुके हैं कि फ्यूचर होस्ट कमीशन के साथ जो बैठक हुई, उसमें उन्होंने पक्ष रखा कि आखिर क्यों भारत में ओलिंपिक का आयोजन होना चाहिए. उन्होंने पक्ष रखते हुए कहा कि जिस देश की आबादी 140 करोड़ के करीब है. जहां एक बिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर हैं और जो दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था है. उस देश को एक बार भी ओलिंपिक मेजबानी का मौका नहीं मिला, ऐसे में देश का ओलिंपिक आयोजन करने का हक बनता है. उन्होंने कहा कि जब बिड ओपन होगी, तो सारे पक्ष रखे जाएंगे. भारत 2036 ओलिंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है.
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