कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच एक बार फिर ठन गई है. ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की अगुवाई में पहलवानों ने एक बार फिर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सभी पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. लेकिन इन सबके बीच खेल मंत्रालय ने बड़ा ऐलान किया है. खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडेशन ऑफ इंडिया के 7 मई को होने वाले चुनावों को पूरी तरह रद्द कर दिया है. और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन को नई एडहॉक कमेटी बनाने का आदेश दिया है. इस कमेटी को अगले 45 दिन के भीतर चुनाव कराने होंगे और नई कमेटी का भी गठन करना होगा. इसके साथ ही इस बीच खिलाड़ियों का चयन भी इस कमेटी के जिम्मे होगा.
मैरी कॉम की 6 सदस्यता वाली ओवरसाइट कमेटी ने खुलासा किया है कि, WFI के लिए कोई भी सही तरीके के इंटरनल कंप्लेंट कमेटी नहीं थी और न ही सही से कुछ काम हो रहा था.
पहलवानों ने इस साल की शुरुआत में जंतर-मंतर पर धरना देते हुए कुश्ती महासंघ के मुखिया ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे. इनमें यौन उत्पीड़न का आरोप भी शामिल है. पहलवानों के धरने के बाद खेल मंत्रालय ने एमसी मैरी कॉम के नेतृत्व में एक निगरानी कमिटी का गठन किया था जिसे महासंघ का काम संभालने के साथ ही मामले की जांच करने को कहा गया था. अभी तक निगरानी कमिटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है.
बृजभूषण ने आरोपों का खंडन किया था
बता दें कि तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, बीते ढाई महीने से सभी पहलवानों को इंसाफ का इंतजार है. लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में उन्हें झूठा समझा जा रहा है. इससे पहले बृजभूषण ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि, किसी भी एथलीट का यौन शोषण नहीं हुआ है और अगर यह सच साबित होता है तो वे फांसी पर लटकने को तैयार हैं.
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