बांग्‍लादेशी खिलाड़ी को भारत से निकाला गया, मेडिकल वीजा पर टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने पर FRRO ने किया ब्‍लैकलिस्‍ट, साथी खिलाड़ी के लौटने से दिग्‍गज परेशान

बांग्‍लादेशी खिलाड़ी को भारत से निकाला गया, मेडिकल वीजा पर टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने पर FRRO ने किया ब्‍लैकलिस्‍ट, साथी खिलाड़ी के लौटने से  दिग्‍गज परेशान
नई दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

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बांग्‍लादेश के शतरंज खिलाड़ी आशिया सुल्ताना को भारत में एंट्री नहीं दी गई.

सुल्‍ताना को रातभर एयरपोर्ट इमिग्रेशन सेंटर में रखा गया था.

बांग्‍लादेशी खिलाड़ी को भारत से बाहर निकाल दिया गया है, जिस वजह से दिल्‍ली इंटरनेशनल ओपन ग्रैंडमास्‍टर चेस टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने आई दिग्‍गज खिलाड़ी 80 साल की सईदा जसीमुन्नेस्सा खातून परेशान हो गई हैं. रानी हामिद के नाम से फेमस खातून उस घटना से परेशान हो गई, जब उनकी साथी और हमवतन आशिया सुल्ताना को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने पर देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.

एयरपोर्ट इमिग्रेशन सेंटर में बीती रात


इसके बाद सुल्‍ताना को रात भर एयरपोर्ट इमिग्रेशन सेंटर में रखा गया और उनके सामान तक पहुंचने से भी मना कर दिया गया. इसके बाद उन्‍हें अगले दिन बांग्लादेश भेज दिया गया. इस घटना ने रानी हामिद को हिलाकर रख दिया और वह इमोशनली परेशान हो गई.दिल्ली जीएम ओपन के दौरान हामिद ने कहा-

मैं बहुत दुखी हूं. मेरी साथी को भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई.  उन्‍हें इमिग्रेशन सेंटर में रात भर बैठाए रखा गया. उन्होंने उसे अपना सामान भी नहीं देखने दिया.अगले दिन उसे दोगुने दाम पर रिटर्न टिकट खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा. मेरा दिमाग परेशान है और मैं खेल पर फोकस नहीं कर पा रही हूं. 

रानी हामिद (1800+ रेटिंग) का टूर्नामेंट में अब तक प्रदर्शन चुनौतीपूर्ण रहा है. उन्‍होंने छह राउंड में से एक में जीत और एक ड्रॉ खेला. उन्‍होंने ये  सभी मुकाबले उसने कम रेटिंग वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेले हैं. बढ़ती उम्र के कारण लंबे समय से टूर्नामेंट के लिए अकेले यात्रा से परहेज करने वाली हामिद का कहना है- 

मैं कभी अकेले यात्रा नहीं करती.मेरे साथ हमेशा कोई न कोई रहता है.वह मेरे साथ थी और अब वह चली गई है.मैं अकेली रह गई हूं. 


दिल्ली के छतरपुर में स्थित एक रिसॉर्ट में आयोजित टूर्नामेंट में इंटरनेशनल प्‍लेयर्स को भी ठहराया जाता है, इसलिए हामिद को अपने कमरे से खेल के हॉल तक पैदल जाने में पांच मिनट से भी कम समय लगता है.उन्होंने कहना है कि वहां  बहुत आरामदेह माहौल है. वह सिर्फ़ इसी आराम की वजह से खेल पाती हैं.