नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैंपियन निएन चिन चेन को 4-1 से हराकर रजत पदक पर कब्जा किया था. इस तरह लावीलान को दमदार प्रदर्शन का ईनाम उन्हें अब भारत के सबसे बड़े खेल रत्न अवार्ड के रूप में मिला है. जिसको पाने के बाद स्पोर्ट्स तक से ख़ास बातचीत में लवलीना ने कहा कि उनका एक सपना अभी पूरा नहीं हुआ है और वह ओलंपिक खेलों में देश के लिए गोल्ड मेडल हासिल करना चाहती है.
लवलीना ने खेल रत्न अवार्ड मिलने के बाद कहा, "यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन और साल है. क्योंकि जो मेरे सपना था कि ओलंपिक जाना है और मेडल जीतना वह पूरा तो हुआ लेकिन अभी एक कमी बाकी रह गई है. मैं देश के लिए मेडल ला पाई यह बहुत बड़ी बात है और मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि खेल रत्न दिया जाएगा क्योंकि पिछले साल ही मुझे अर्जुन अवॉर्ड मिला है तो खेल रत्न मिलना बहुत बड़ी बात है."
लवलीना ने आगे कहा, "अब तक मुझे जो मिला है उसे सब भूलना होगा और एक नई शुरुआत करनी पड़ेगी. मेरा जो सपना है कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का वह अभी पूरी नहीं हुआ है. मैने शुरू से तैयारी करना चालू कर दिया है. हर एक खेल में हार जीत होती है ऐसे में जीत का दबाव भी रहेगा."
अगले साल विश्व कप पर नजरें - मिताली
खेल रत्न पाने के मामले में महिला क्रिकेट खिलाड़ी मिताली राज भी पीछे नहीं रही और उन्होंने इस अवार्ड पाने के बाद कहा, "अगर आप अच्छा खेलेंगे तो महिला क्रिकेट का जो स्तर है वह बढ़ता चला जाएगा. अगले साल हमारे पास महिला विश्व कप के रूप में हमारे पास एक अच्छा मौका है कि हम कुछ बड़ा हासिल करें."
खेल रत्न से मिली ख़ुशी - नीरज
अंत में भारत को ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा भाला फेंक में एक मात्र पदक स्वर्ण के रूप में दिलाने वाले नीरज चोपड़ा को भी खेल रत्न से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा, "यह अवार्ड मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. इससे मुझे काफी ख़ुशी और भविष्य में बेहतर करने की प्रेरणा भी मिली है."