अंतरराष्ट्रीय स्की खिलाड़ी विकास राणा ने शिवा केशवन की अध्यक्षता वाली ए़डहॉक कमिटी पर परेशान करने और बड़े टूर्नामेंट खेलने से रोकने के आरोप लगाए हैं. जर्मनी में जनवरी 2024 में इंटरनेशनल क्रॉस कंट्री स्कीइंग में गोल्ड जीतने वाली खिलाड़ी ने भारतीय ओलिंपिक कमिटी की अध्यक्ष पीटी ऊषा से शिकायत की है. पांच पेज के पत्र में कहा गया है कि पिछले एक साल से उन्हें एडहॉक कमिटी परेशान कर रही है और ट्रेनिंग व लगातार खेलने में बाधा डाल रही है. इसमें कहा गया कि जर्मनी में जब उन्होंने दो स्पर्धाओं में गोल्ड जीते तब भी वह बड़ी मुश्किल से जा सकी थी. उस समय हरियाणा स्की एसोसिएशन के चलते उन्हें शामिल होने का मौका मिल पाया था.
हरियाणा से आने वाली विकास की शिकायत के अनुसार, एडहॉक कमिटी जानबूझकर उनकी मदद नहीं कर रही है. मार्च 2024 में उन्हें कजाखस्तान जाना था. इसके लिए एडहॉक कमिटी की तरफ से एंट्री भेजी जानी थी जिसके बाद उन्हें बुलावा आता. लेकिन ऐसा नहीं किया गया और उन्हें खुद से ही एंट्री करानी पड़ी. इसके बाद भी एडहॉक चेयरमैन शिवा केशवन ने उन्हें शामिल होने से मना करवा दिया.
विकास किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता किसान हैं जबकि मां गृहणी हैं. विकास का आरोप है कि जुलाई 2024 से वह हरियाणा खेल मंत्रालय से नौकरी पाने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार की तरफ से उन्हें कागजात देने को कहा गया लेकिन इसमें भी एडहॉकी कमिटी से मदद नहीं मिली और उन्हें अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है. देरी से कागज मिलने की वजह से उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद भी नहीं मिल सकी.
विकास जींद जिले के सुखेन खुर्द गांव की रहने वाली हैं. वह भारत की ओर से एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं. उनका आरोप है कि एडहॉक कमिटी में शामिल एथलीट भावना को मदद पहुंचाने के चलते उन्हें प्रतियोगिताओं से दूर रखा जा रहा है. विकास ने कहा,' वे अभी इटली में हैं लेकिन जिस तरह के हालात हैं उसमें वह या तो खेल छोड़ देंगी या फिर जीना.'