नीरज चोपड़ा के नए सीजन का आगाज जीत के साथ, 84.52 मीटर थ्रो के साथ हासिल किया पहला स्थान

नीरज चोपड़ा के नए सीजन का आगाज जीत के साथ, 84.52 मीटर थ्रो के साथ हासिल किया पहला स्थान
Neeraj Chopra (File, Getty)

Story Highlights:

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीता था.

नीरज चोपड़ा अभी साउथ अफ्रीका में ट्रेनिंग कर रहे हैं.

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलिंपिक के बाद कोच बदला है.

नीरज चोपड़ा ने 2025 सीजन का आगाज जीत के साथ किया. उन्होंने साउथ अफ्रीका के पोचेफ्स्ट्रूम शहर में पोच इन्विटेशनल ट्रेक इवेंट में पहला स्थान हासिल किया. नीरज चोपड़ा ने इस इवेंट में 84.52 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया. इस इवेंट में कुल छह एथलीट शामिल हुए थे. नीरज के बाद साउथ अफ्रीका के डु स्मिट रहे जिन्होंने 82.44 मीटर का थ्रो किया. भारतीय एथलीट अपने बेस्ट (89.94)  से काफी पीछे रहा लेकिन दूसरे नंबर पर रहने वाले स्मिट अपने पर्सनल बेस्ट (83.29) के काफी करीब पहुंच गए.

पोच इन्विटेशनल ट्रेक इवेंट में नीरज और स्मिट ही ऐसे एथलीट रहे जो 80 मीटर से ऊपर थ्रो कर सके. साउथ अफ्रीका के ही डंकन रॉबर्टसन 71.22 मीटर थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर आए. साल 2025 में भारतीय जैवलिन थ्रोअर में सबसे अच्छे रिकॉर्ड का नाम नीरज के नाम ही है. उनके बाद भारतीयों में सचिन यादव (84.39 मीटर) और रोहित यादव (80.47 मीटर) के नाम आते हैं.

नीरज चोपड़ा साउथ अफ्रीका में कर रहे तैयारी

 

नीरज अभी अपने नए कोच जेन जेलेज्नी के साथ साउथ अफ्रीका में ही ट्रेनिंग कर रहे हैं. उन्होंने पेरिस ओलिंपिक के बाद कोच बदला है. जेलेज्नी चैक रिपब्लिक से आते हैं और तीन बार के ओलिंपिक चैंपियन हैं और जैवलिन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम रहा है. पेरिस ओलिंपिक में नीरज जर्मनी के क्लाउस बार्टोनिट्ज की कोचिंग में खेले थे. दोनों लंबे समय तक साथ रहे थे.

नीरज चोपड़ा अगले महीने खेलेंगे डायमंड लीग

 

नीरज इस सीजन का अपना पहला बड़ा इवेंट 16 मई को दोहा में डायमंड लीग के जरिए खेलेंगे. वे दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट हैं. 2020 टोक्यो में उन्होंने गोल्ड जीता था जबकि 2024 पेरिस में सिल्वर मेडल उनके नाम रहा. नीरज का पर्सनल बेस्ट थ्रो 2022 में 89.94 मीटर था. वह काफी समय से 90 मीटर के बेंचमार्क को पार करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल रही. पेरिस ओलिंपिक में वह चोट के साथ खेले थे. वह ग्रोइन इंजरी से परेशान थे.

ये भी पढ़ें