IND vs BAN: इरफान पठान की आग उगलती गेंदों के आगे जब बांग्लादेश ने टेके थे घुटने, मैच में 11 विकेट लेकर मचाया था गदर

साल 2004 ढाका टेस्ट में इरफान पठान ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को अपनी स्विंग और रफ्तार से पूरी तरह चौंका दिया. इसका नतीजा ये था कि उन्होंने 11 विकेट लेकर भारत को धमाकेदार जीत दिलाई थी.

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Neeraj Singh

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विकेट लेने के बाद जश्न मनाते इरफान पठान

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते इरफान पठान

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इरफान पठान ने साल 2004 में कमाल कर दिया थाइस गेंदबाज ने अकेले दम पर 11 विकेट लिए थे

भारतीय खिलाड़ियों ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैचों में पिछले कुछ सालों में कमाल के प्रदर्शन किए हैं . इसमें सबसे यादगार प्रदर्शन इरफान पठान का रहा है जिन्होंने अपनी आग उगलती गेंदों से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को पूरी तरह पस्त कर दिया था. साल 2004 में इरफान सिर्फ 20 साल के थे और उस दौरान वो टेस्ट मैच में सबसे कम उम्र में 10 विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने थे. 2004 के ढाका टेस्ट में इरफान पठान का प्रदर्शन उनके शानदार करियर के सबसे यादगार पलों में से एक रहा. इरफान ने इस मैच में 96 रन दिए थे और 11 विकेट लिए थे. इस तरह भारत की जीत में इस खिलाड़ी का अहम योगदान रहा था.

 

सबसे कम उम्र में चटकाए थे 10 विकेट

 

बता दें कि दिसंबर 2004 में आयोजित ढाका टेस्ट भारत के बांग्लादेश दौरे का हिस्सा था. पहली पारी में पठान ने बांग्लादेशी बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर दिया. उनकी स्विंग और सटीक लाइन लेंथ ने शुरुआत से ही बल्लेबाजों को परेशान किया और उन्होंने सिर्फ 45 रन देकर 5 विकेट चटकाए. गेंद को दोनों तरफ घुमाने की उनकी क्षमता पूरी तरह से देखने को मिली और बांग्लादेश की टीम उनकी घातक स्विंग गेंदों का सामना करने में संघर्ष करती रही. वे 184 रन पर आउट हो गए, जिससे भारत को मैच में मजबूत शुरुआत मिली.

 

इसके बाद, सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया और इस मैच के दौरान 248 रन बनाए और सुनील गावस्कर के 34 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की. उन्होंने जहीर खान के साथ 9वें विकेट के लिए 133 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की, जिससे भारत ने 526 रन बनाए.

 

दूसरी पारी में छाए पठान

 

पठान का दबदबा दूसरी पारी में भी जारी रहा. उनका आत्मविश्वास साफ झलक रहा था क्योंकि उन्होंने एक और मैच जीतने वाला प्रदर्शन किया. इस बार, उन्होंने 51 रन देकर 6 विकेट चटकाए जो एक बार फिर बांग्लादेश के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल साबित हुआ. पठान की लगातार अच्छी लाइन- लेंथ और स्विंग गेंदबाजी ने उन्हें ऐसी सतह पर लगभग अजेय बना दिया, जो तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मदद नहीं करती थी. इसका नतीजा ये रहा कि बांग्लादेश 202 रन पर ऑल आउट हो गया जिससे भारत को आसान जीत मिली. 11/96 के अपने मैच के आंकड़ों के साथ, पठान उस समय भारत के बाहर टेस्ट मैच में 10 या उससे अधिक विकेट लेने वाले केवल दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बन गए. उनके प्रदर्शन ने भारत को एक पारी और 140 रनों से जीतने में मदद की, जिससे मेजबानों पर उनका पूरा दबदबा दिखा.

 

दिलचस्प बात यह है कि पठान ने बांग्लादेश के खिलाफ केवल दो टेस्ट खेले और 18 विकेट लिए.

 

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