नई दिल्ली। आईसीसी टी20 विश्व कप में जब 31 अक्टूबर को भारतीय कप्तान विराट कोहली मैदान में उतरेंगे तो एक बार फिर फैशन को उनसे टॉस जीतने की उम्मीद होगी. क्योंकि इस विश्व कप में टॉस और ओस जीत व हार के बीच बड़ा अंतर पैदा कर रही हैं. कई क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों ने टूर्नामेंट के पहले ही कह दिया था कि रात के समय ओस गिरने के कारण टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली टीम हावी रहेगी. ऐसा ही देखने को भी मिला और टूर्नामेंट में 90 से अधिक प्रतिशत वहीं टीम जीती है, जिसने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी है. इस बात को कप्तान कोहली ने भी स्वीकारते हुए बड़ा फैक्टर बताया है.
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न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से पहले कप्तान कोहली ने टॉस के बारे में कहा, " ये एक बड़ा फैक्टर है और टूर्नामेंट का एक हिस्सा है. आप किस तरह से इसे देखते हैं, ये सबकुछ इस पर निर्भर करता है. हमारा पूरा फोकस मानिसक तौर पर गेम पर रहता है. हम मैदान पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."
कोहली ने आगे कहा, “जिस तरह से टूर्नामेंट तेजी से आगे बढ़ता है वो काफी अलग है. सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि आप मानसिक तौरपर किस तरह से तैयार हैं. ये सबकुछ तब खत्म हो जाता है जब हम मैदान पर कदम रखते हैं.”
टॉस में कोहली से खफा है उनकी किस्मत
बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ कप्तान विराट कोहली टॉस हार गए थे और उसके बाद उन्हें मैच में भी हार का सामना करना पड़ा. इस तरह कोहली के करियर की बात करें तो टॉस के मामले में उन्हें किस्मत ने काफी धोखा दिया है. कोहली बतौर कप्तान साल 2017 से अभी तक 46 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में सिर्फ 18 बार ही टॉस जीते हैं. जिसमें उन्हें 13 बार जीत मिली हैं. इससे साफ़ जाहिर होता है कि टी20 क्रिकेट में टॉस का भी काफी अहम रोल है. ऐसे में एक बार फिर देखना दिलचस्प होगा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ वह टॉस जीत पाते हैं या नहीं.
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