Under-19 World Cup Final, IND vs AUS : भारत के 18 और 19 साल के युवा क्रिकेटर रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल जीतकर रिकॉर्ड छठा आईसीसी अंडर-19 विश्व कप खिताब जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे जिसके बाद कुछ के करियर को उड़ान भरने के लिए पंख मिलेंगे जबकि कुछ गुमनामी में डूब जायेंगे. इतना ही नहीं पिछले साल 19 नवंबर को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने रोहित शर्मा की अगुवाई वाली सीनियर टीम को वैश्विक मंच पर रूला दिया था जिससे उदय सहारन की कप्तानी वाली टीम का ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम को हराकर खिताब जीतना सुखद होगा.
ADVERTISEMENT
भारत को नहीं पड़ता कोई फर्क
कप्तान सहारन ने हाल में बेनोनी से पीटीआई भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा था, ‘‘फाइनल में सामने ऑस्ट्रेलिया हो या पाकिस्तान, फर्क नहीं पड़ता. हम विरोधी टीम पर फोकस नहीं कर रहे और अपने खेल पर ध्यान दे रहे हैं. हमने मैच दर मैच रणनीति बनाई है और हर मैच को संजीदगी से ले रहे हैं.’’
क्या होगी बदले की भावना ?
यह पूछने पर कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्या बदला दिमाग में होगा क्योंकि सीनियर टीम पिछले साल वनडे विश्व कप फाइनल उससे हारी थी, उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ नहीं सोच रहे हैं. हम अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं और हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना है. मैच हालात के हिसाब से खेल रहे हैं. हर मैच महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विश्व कप है और सारी टीमें अच्छी है.’’
ये खिलाड़ी बन सकते हैं रोड़ा
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ह्यू वेबगेन, सलामी बल्लेबाज हैरी डिक्सन, तेज गेंदबाज टॉम स्ट्रेकर और कैलम विडलर ने इस चरण के दौरान लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है जो भारत के लिए परेशानी बन सकते हैं. भारत की अंडर-19 टीम ने 2012 और 2018 फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था और इस चरण के खिताबी मैच में भी वह प्रबल दावेदार होगी.
नौवीं बार फाइनल में भारत
भारतीय टीम हमेशा आयु वर्ग के टूर्नामेंट में ‘पावरहाउस’ रही है और इस टूर्नामेंट में नौवीं बार फाइनल में पहुंचना इसका प्रमाण है. भारत की अंडर-19 टीम ने 2016 के बाद सभी फाइनल खेले हैं जिसमें से उसने 2018 और 2022 चरण में खिताब जीते जबकि 2016 और 2020 में उसे हार मिली.
भारत को कोहली, रोहित और युवराज जैसे मिले सितारे
विराट कोहली की टीम ने 2008 में ट्रॉफी जीती थी जिसके बाद अंडर-19 विश्व कप ने काफी लोकप्रियता हासिल की है. लाइव टीवी कवरेज और ‘स्ट्रीमिंग’ से इसके प्रति उत्सुकता भी बढ़ गयी है. अंडर-19 विश्व कप ने युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, सुरेश रैना, शिखर धवन, रोहित शर्मा, कोहली, रवींद्र जड़ेजा, केएल राहुल, ऋषभ पंत, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे स्टार क्रिकेटर दिये हैं.
लेकिन उन खिलाड़ियों की सूची इससे भी ज्यादा बड़ी है जो ‘स्टारडम’ हासिल करने के बाद शीर्ष स्तर तक पहुंचने में असफल रहे. 2000 के दशक के शुरू में रीतिंदर सिंह सोढ़ी और गौरव धीमान से लेकर उन्मुक्त चंद, हरमीत सिंह, विजय जोल, संदीप शर्मा, अजितेश अर्गल, कमल पासी, सिद्धार्थ कौल, स्मिट पटेल, रविकांत सिंह और कमलेश नागरकोटी तक देखें तो यह सूची काफी लंबी है. पृथ्वी शॉ अपने करियर को फिर से संवारने की कोशिश कर रहे हैं जबकि यश धुल को सीनियर स्तर के क्रिकेट के मानकों का सामना करना बेहद मुश्किल लग रहा है.
फॉर्म में सहारन की टीम
सहारन की अगुआई वाली मौजूदा टीम शुरू में इतनी शानदार नहीं दिख रही थी क्योंकि कुछ महीने पहले वह अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में जगह बनाने में असफल रही थी. लेकिन यहां टीम फॉर्म में आ गयी है. बल्लेबाजी सूची में 389 बनाकर शीर्ष पर चल रहे सहारन की अगुआई में टीम का प्रदर्शन प्रत्येक मैच में बेहतर होता गया और उसने बड़े अंतर से जीत दर्ज कीं. बस सेमीफाइनल ही ऐसा था जिसमें उसने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को महज एक विकेट से हराया. सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान कप्तान के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं और एक उपयोगी बायें हाथ के स्पिनर भी हैं.
दायें हाथ के तेज गेंदबाज राज लिम्बानी और बायें हाथ के तेज गेंदबाज नमन तिवारी प्रभावी रहे हैं लेकिन अगले स्तर के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन रविवार को उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस स्तर के लिए काफी होगा. मैच भारतीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे शुरू होगा.
भारत: उदय सहारन (कप्तान), अर्शिन कुलकर्णी, आदर्श सिंह, रुद्र मयूर पटेल, सचिन धस, प्रियांशु मोलिया, मुशीर खान, अरावली अवनीश राव (विकेटकीपर), सौमी कुमार पांडेय (उप कप्तान), मुरुगन अभिषेक, इनेश महाजन (विकेटकीपर), धनुष गौड़ा, आराध्या शुक्ला, राज लिम्बानी, नमन तिवारी.
ऑस्ट्रेलिया: ह्यू वेबगेन (कप्तान), लाचलान ऐटकेन, चार्ली एंडरसन, हरकीरत बाजवा, महली बियर्डमैन, टॉम कैम्पबेल, हैरी डिक्सन, रेयान हिक्स (विकेटकीपर), सैम कोनस्टास, राफेल मैकमिलन, ऐडन ओकोनोर, हरजस सिंह, टॉम स्ट्रेकर, कैलम विडलर और ओली पीक.
ये भी पढ़ें :-
टेस्ट टीम इंडिया के लिए तिहरा जड़ने वाले का गरजा बल्ला, लगातार रणजी ट्रॉफी में ठोका दूसरा शतक