भारत को वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 में लगातार तीसरी हार का सामना करना पडा. इंग्लैंड ने भारत को रोमांचक मुकाबले में चार रन से मात दी. इंग्लैंड के दिए 289 रन के लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम 6 विकेट पर 284 रन ही बना सकी. स्मृति मांधना और हरमनप्रीत कौर ने 125 रन की पार्टनरशिप करके एक बार जीत की उम्मीद जगा दी थी, मगर मांधना के आउट होने के बाद भारत की पारी लड़खड़ा गई और मुकाबला गंवा बैठी.
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इंग्लैंड से हार के बाद भारत कैसे कर सकता है सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई?
हर ओवर में छह रन की जरूरत
मांधना ने इस हार की दोषी खुद को ठहराया. मांधना ने कहा कि बल्लेबाजों के शॉट चयन में अंत में काफी कमी रह गई. उन्होंने हार के बाद कहा कि हम अपने शॉर्ट रेंज चयनों के साथ बेहतर कर सकते थे. खासकर शुरुआत मुझसे हुई. इसलिए मैं मानती हूं कि शॉट चयन बेहतर होना चाहिए था. हमें बस 6 रन प्रति ओवर चाहिए थे. शायद हमें खेल को और आगे ले जाना चाहिए था तो हां मैं खुद पर दोष मढ़ूंगी, क्योंकि हार की शुरुआत मुझसे हुई.
मांधना से कहां हुई गलती?
भारत को जब 53 गेंदों पर 55 रनों की जरूरत थी, उस वक्त मांधना ने लिंसे स्मिथ के खिलाफ एक जल्दबाजी में शॉट खेला. बाएं हाथ की स्पिनर ने गेंद को भारतीय सलामी बल्लेबाज की पहुंच से दूर कर दिया. मांधना ने कहा कि निश्चित रूप से मुझे लगा कि मैं उनका सामना कर सकती हूं. मैं कवर्स के ऊपर से अधिक टारगेट करने की कोशिश कर रही थी. मैंने उस शॉट को गलत कर दिया. शायद उस समय शॉट की जरूरत नहीं थी.
भावनाएं हो गईं हावी
स्मृति मांधना ने आगे कहा कि मुझे बस अधिक धैर्य रखने की जरूरत थी, क्योंकि पूरी पारी के दौरान मैं खुद को धैर्य रखने और हवाई शॉट नहीं खेलने के लिए कह रही थी, लेकिन शायद उस मैच में भावनाएं हावी हो गईं, जो क्रिकेट में कभी मदद नहीं करता है, लेकिन निश्चित रूप से वापस आते हुए मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत हासिल कर पाएंगे, लेकिन मेरा मतलब है कि यह क्रिकेट है, आप कभी भी आगे नहीं सोच सकते. मांधना के रूप में भारत को 234 रन के स्कोर पर चौथा झटका लगा, मगर इसके बाद दीप्ति शर्मा की फिफ्टी भी टीम को जीत नहीं दिला पाई.
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