जेमिमा रॉड्रिग्‍स का मेंटल हेल्‍थ से जंग को लेकर खुलासा, दूसरों की मदद के लिए आगे आईं, कहा- मम्‍मी को फोन करके रोती रहती थी

Jemimah Rodrigues reveals mental health struggles: जेमिमा रॉड्रिग्‍स ने खुलासा किया कि टूर्नामेंट के शुरुआत में उन्‍हें काफी बेचैनी हो रही थी. वह मेंटल हेल्‍थ से लड़ रही थी. दिन भर रोती रहती थी.

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जेमिमा रॉड्रिग्‍स

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जेमिमा रॉड्रिग्‍स ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में नॉटआउट 127 रन बनाए.

जेमिमा रॉड्रिग्‍स प्‍लेयर ऑफ द मैच रहीं.

Jemimah Rodrigues reveals mental health struggles: भारत को वीमेंस वर्ल्‍ड कप 2025 के फाइनल में पहुंचाने के बाद जेमिमा रॉड्रिग्‍स ने मेंटल हेल्‍थ से अपनी लड़ाई को लेकर खुलासा किया. सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शानदार पारी के बाद गीली आंखों के साथ रॉड्रिग्स ने इस टूर्नामेंट के दौरान अपने मेंटल हेल्‍थ से लड़ाई के बारे में खुलकर बात की. जेमिमा ने 127 रनों पर नॉटआउट रहीं और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर तीसरी बार वर्ल्‍ड कप के फाइनल में जगह बनाई. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेमिमा रो पड़ीं और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके अनुभव को शेयर करने से ऐसी ही समस्याओं का सामना कर रहे बाकी लोगों को मदद मिलेगी.

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उन्‍होंने अपने आंसुओं को रोकते हुए कहा कि मैं यहां बहुत कमज़ोर हो जाऊंगी, क्योंकि मुझे पता है कि अगर कोई देख रहा होगा, तो मैं भी उसी दौर से गुज़र रही होऊंगी और यही मेरे कहने का असली मकसद है. कोई भी अपनी कमजोरी के बारे में बात करना पसंद नहीं करता. टूर्नामेंट की शुरुआत में मैं बहुत बेचैनी से गुजर रही थी.

 

मां को फोन करके रोती थी जेमिमा

उन्‍होंने आगे कहा कि मैं अपनी मां को फोन करती थी और पूरे समय रोती रहती थी. सब कुछ बाहर निकाल देती थी, क्योंकि जब आप चिंता से गुजरते हैं तो आप सुन्न महसूस करते हैं. आपको नहीं पता कि क्या करना है. आप खुद बनने की कोशिश कर रहे हैं और उस समय में मेरी मम्‍मी पापा ने मेरा बहुत साथ दिया और अरुंधति रेड्डी भी थीं, जिनके बारे में मुझे लगता है कि लगभग हर दिन मैं उनके सामने रोई हूं.

जेमिमा ने बनाए रखा धैर्य

रॉड्रिग्स ने न्यूजीलैंड के खिलाफ नॉटआउट 76 रनों की पारी के दम पर सेमीफाइनल के लिए टीम में बनाई थी. हालांकि टूर्नामेंट में उनकी शुरुआत काफी खराब हुई थी, जिसमें दो बार डक भी शामिल है. इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भी उन्हें टीम से बाहर रखा गया था, क्योंकि भारत ने एक एक्‍स्‍ट्रा गेंदबाज को चुना था. उन्होंने कहा कि धैर्य बनाए रखना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और भरोसा रखा कि उनका समय जरूर आएगा.

टीम से बाहर होने पर लगा था झटका

जेमिमा ने आगे कहा कि मेरे परिवार ने बहुत कुछ झेला, लेकिन सब मेरे साथ खड़े रहे और मुझ पर तब भी विश्वास रखा, जब मैं नहीं कर पा रही थी, जब मैं कुछ नहीं कर सकती थी और इसकी शुरुआत चिंता से हुई. फिर मुझे (इंग्लैंड के खिलाफ मैच के लिए) टीम से बाहर कर दिया गया. इससे मुझे बहुत धक्का लगा.

जब आपको टीम से बाहर किया जाता है तो आपके मन में कई तरह के संदेह होते हैं, क्योंकि मैं हमेशा टीम में योगदान देना चाहती हूं, लेकिन उस दिन मैं बाहर बैठकर ज़्यादा कुछ नहीं कर सकी और फिर जब आप वापस आते हैं, तो दबाव पिछले महीने की तुलना में कहीं ज़्यादा होता था. लेकिन कभी-कभी आपको बस इतना करना होता है कि आप धैर्य बनाए रखें और चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी. इसलिए मैं उन लोगों का बहुत आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर तब विश्वास किया जब मैं ऐसा नहीं कर सका, मेरे साथ रहे और मुझे समझा, क्योंकि मैं यह सब अपने दम पर नहीं कर सकती थी.

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