'यह एक नशा है', ऋषभ पंत के छक्का उड़ाने के चक्कर में आउट होने पर भड़के सुनील गावस्कर, बोले- सिस्टम के अंदर...

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद ऋषभ पंत को एक बार फिर से निशाने पर लिया. इस विकेटकीपर बल्लेबाज के ट्रेविस हेड की गेंद पर आउट होने के बाद भारत का बैटिंग ऑर्डर ढह गया.

Profile

SportsTak

अपडेट:

SportsTak Hindi

ऋषभ पंत

Highlights:

ऋषभ पंत ने 103 गेंद का सामना किया और 30 रन की पारी खेली.

ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने चौथे विकेट के लिए 84 रन जोड़े.

ऋषभ पंत के आउट होने के बाद भारत ने 34 रन में छह विकेट गंवा दिए.

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद ऋषभ पंत को एक बार फिर से निशाने पर लिया. इस विकेटकीपर बल्लेबाज के ट्रेविस हेड की गेंद पर आउट होने के बाद भारत का बैटिंग ऑर्डर ढह गया. पंत छक्का लगाने की कोशिश में लॉन्ग ऑन पर मिचेल मार्श के हाथों लपके गए. इससे पहले जायसवाल के साथ पंत की बढ़िया साझेदारी चल रही थी और भारत ने लंच के बाद का सेशन बिना नुकसान के निकाल दिया था. दोनों टीम को तीन विकेट पर 33 रन के स्कोर से 121 तक ले गए थे. पंत के विकेट के साथ भारत ने आखिरी सात बल्लेबाजों को 34 रन में गंवाया. 

गावस्कर ने कहा कि पंत और जायसवाल जब खेल रहे थे तब लग रहा था कि भारत ड्रॉ करा लेगा लेकिन क्रिकेट में जो सिक्स है वह एक नशे की तरह है. यह आपके अंदर घुस जाता है. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने लंच के बाद जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे निश्चित तौर पर लग रहा था कि भारत इस मैच को ड्रॉ कर सकता है क्योंकि यह बिना विकेट खोए एक और घंटे तक बल्लेबाजी करने की बात थी. आप जानते हैं कि क्रिकेट में एक शॉट को सिक्सर कहा जाता है जो किसी ड्रग की लत की तरह है. एक बार जब आप कुछ छक्के मार देते हैं तो आप सोचते हैं कि वास्तव में यह सही तरीका है. जब आप गेंद को स्टैंड में पहुंचाते हैं तो एक बल्लेबाज के लिए इससे बेहतर कोई एहसास नहीं है. सिक्सर एक अलग तरह का एहसास है और यह एक ड्रग है जो आपके सिस्टम में चला जाता है.’

गावस्कर ने बताया क्यों सिक्स लगाना खतरनाक

 

पंत ने 103 गेंद का सामना किया और 30 रन की पारी खेली. उनके व जायसवाल के बीच चौथे विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी हुई. लेकिन पंत के शॉट ने भारत को मैच से दूर कर दिया. गावस्कर ने कहा, ‘चौके और छक्के में दो रन का अंतर है लेकिन इसमें 100 फीसदी जोखिम है. चौका जमीन के समानांतर खेला जाता है जबकि छक्का गेंद को हवा में मारकर हासिल होता है और अगर आपने सही से इसे नहीं मारा तब कैच हो जाता है. उस समय छक्का लगाने की कोई जरूरत नहीं थी. इससे हम मैच नहीं जीतने वाले थे. वहां पर लॉन्ग ऑन था, एक डीप स्क्वेयर लेग था इसलिए जमीन के साथ पुल शॉट की कोशिश रहती तो हमें चार रन मिलते. लेकिन उस शॉट के चलते ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत के दरवाजे खुल गए.’

ये भी पढ़ें

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share