टीम इंडिया में विंडो सीट के लिए 'फाइट', ट्रेन से लीड्स पहुंची शुभमन गिल की सेना, देखें धुरंधरों के सफर का कमाल का Video

भारतीय टीम लीड्स में इंग्‍लैंड के खिलाफ पांच टेस्‍ट मैचों की सीरीज में अपने अभियान का आगाज करेगी. टीम इसके लिए लीड्स पहुंच गई है.

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किरण सिंह

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केएल राहुल की फोटो खींचते मॉर्ने मॉर्केल

Story Highlights:

टीम इंडिया लीड्स में पहला टेस्‍ट मैच खेलेगी.

टीम ट्रेन से लीड्स पहुंची.

विंडो सीट को लेकर प्‍लेयर्स काफी उत्‍साहित नजर आए.

टीम इंडिया इंग्‍लैंड के खिलाफ पांच टेस्‍ट मैचों की सीरीज के पहले मैच के लिए लीड्स पहुंच गई है. टीम लंदन से लीड्स तक ट्रेन से पहुंची और इस सफर के दौरान खिलाड़ियों की पुरानी यादें भी ताजा हो गईं. उन्होंने भारत में किए अपने ट्रेन सफर को लेकर बचपन की कहानियां शेयर की. बीसीसीआई ने टीम इंडिया के इस ट्रेन सफर का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया. दो मिनट के इस वीडियो में खिलाड़ी हाथ में कॉफी कप लिए लंदन में अपने टीम होटल से बाहर निकलते हुए दिखाई दिए. उन्होंने फैंस के साथ सेल्फी ली और ट्रेन में विंडो सीट से जुड़े कुछ मजेदार किस्‍से भी सुनाए. खिलाड़ी ट्रेन की विंडो सीट को लेकर काफी उत्‍साहित नजर आए. 

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विकेटकीपर बल्‍लेबाज ध्रुव जुरेल ने अपने ट्रेन सफर की बचपन की यादों को शेयर करते हुए बताया-

जब मैं बहुत छोटा था, तब मेरे पिता हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला में पोस्‍टेड थे. सफर के दौरान बहुत सारे पहाड़ और खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते थे. मैं बहुत उत्साहित हो जाता था. वह हमेशा खिड़की वाली सीट लेते थे ताकि मैं बैठकर नज़ारे का आनंद ले सकूं.

 

वाशिंगटन सुंदर के ट्रैवल पार्टनर साईं सुदर्शन ने बताया कि कैसे अपने शुरुआती दिनों में वह केवल क्रिकेट कैंप के लिए ही ट्रेन से यात्रा करते थे.

जब मैं छोटा था तो हमेशा ट्रेन से सफर करता था.चेपॉक में हमारे अंडर-12 और अंडर-14 कैंप थे.

 

 


टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल को केएल राहुल की तस्वीरें क्लिक करते देखा गया, जो ट्रेन में खिड़की वाली सीट पर बैठे थे. इस बीच टीम में वापसी करने वाले सीनियर खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर ने मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रा करने के अपने अनुभव को शेयर किया. उन्होंने कहा-

मेरे घर से एक सीधी ट्रेन है. मैं कुछ मिनट पैदल चलता हूं, लोकल ट्रेन लेता हूं, वहां जाता हूं, अभ्यास करता हूं और लोकल ट्रेन से वापस आता हूं. ट्रेनों से जुड़ी मेरी यही यादें हैं.

ठाकुर ने कहा-

बेशक, अभी मैं एक अच्छी, आरामदायक खिड़की वाली सीट का आनंद ले रहा हूं, लेकिन मुंबई में यह वैसा नहीं है. आपको उस भागदौड़ से गुजरना पड़ता है. यह निश्चित रूप से आसान है. इसलिए हां मैं अभी शांति से हूं.

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