मियामी में छुट्टियां मना रहे भारतीय स्‍टार को जब टेस्‍ट खेलने के लिए इंग्लैंड बुलाया, जानें फिर हाथ से फिसलती सीरीज में क्‍या हुआ?

साल 2011 में भारत को इंग्‍लैंड दौरे पर करारी शिकस्‍त का सामना करना पड़ा था. चार टेस्‍ट मैचों की सीरीज में भारत कहीं पर भी इंग्‍लैंड के सामने टिक नहीं पाया.

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किरण सिंह

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आरपी सिंह को एक टेस्‍ट के लिए इंग्‍लैंड बुलाया गया था.

आरपी सिंह मियामी में छुटि्टयां मना रहे थे.

बात आज से करीब 14 साल पहले की है, जब जुलाई में चार टेस्‍ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम इंग्‍लैंड दौरे पर गई थी. कप्‍तान एमएस धोनी थे, जिन्‍होंने उस दौरे से कुछ समय पहले  ही भारत को वनडे वर्ल्‍ड कप जिताया था. ऐसे में पूरे देश को भरोसा हो गया था कि भारतीय क्रिकेट के  इतिहास में साल 2011 सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने वाला है. वनडे वर्ल्‍ड कप के बाद धोनी टीम इंडिया को इंग्‍लैंड में टेस्‍ट सीरीज जिताएंगे, जिस जीत के लिए पूरा देश सालों से बेकरार था. 

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उसी उम्‍मीद के साथ टीम इंडिया लॉर्ड्स में सीरीज का पहला टेस्‍ट मैच खेलने उतरी और फिर इसके बाद वो हुआ, जो इंग्‍लैंड में भारतीय टीम  के साथ कई दफा हो चुका था. भारत को 196 रन से हार मिली. जीत की उम्‍मीदों को झटका लगा और इस झटके के साथ टीम इंडिया पहुंच गई नॉटिंघम, जहां धोनी के धुरंधरों की नजर सीरीज में वापसी हुई थी, मगर नॉटिंघम में तो भारत की दर्दशा तो लॉर्ड्स से भी खराब हो गई. भारत को 319 रन के बड़े अंतर से हार मिली.

हार का अंतर बढ़ता गया

इस हार के साथ भारत के सीरीज जीतने की उम्‍मीद तो खत्‍म हो गई. जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ती गई, टीम इंडिया की हार  का अंतर भी बढ़ता गया. 196 रन, 319 रन के बाद तीसरे टेस्‍ट में भारत को पारी  और 242 रन से हार मिली. इसी के साथ सीरीज भी हाथ से निकल गई. सीरीज हारने के बाद भारत को अपना आखिरी टेस्‍ट अगस्‍त 2011 में द ओवल में खेलना था. टीम इंडिया सीरीज पहले ही गंवा चुकी है. उसके पास अब गंवाने के लिए कुछ बचा नहीं था.

छुट्टियों से बुलाया

टीम की कोशिश बस क्‍लीन स्‍वीप से बचने की थी और इसके लिए उस भारतीय स्‍टार को अचानक इंग्‍लैंड बुलाया गया, जो मियामी में छुटि्टयां बना रहा था. उस खिलाड़ी का आना इसलिए भी हैरानीभरा था, क्‍योंकि इससे पहले स्‍टार ने अपना पिछला टेस्‍ट साल 2008 में खेला था और वह खिलाड़ी थे आरपी सिंह, जिससे  भारत को किसी चमत्‍कार की तलाश थी.

दरअसल वह मियामी में छुट्टियां मना रहे थे, तभी उन्‍हें इंग्‍लैंड का बुलावा आया, मगर कमबैक मैच में आरपी की गेंदबाजी में वह जोश नहीं दिखा, जिसने उन्हें 2007 में हीरो बनाया था. यह स्पष्ट था कि बाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज इस फॉर्मेट में अपने पीक पर नहीं था और ओवल टेस्ट ने उनके करियर में एक खराब रिकॉर्ड भी जोड़ दिया. उस मैच में आरपी ने बिना विकेट लिए  118 रन लुटाए थे और उस मैच के बाद वह फिर कभी टीम इंडिया की सफेद जर्सी में नजर नहीं आए. भारत ने आखिरी टेस्‍ट पारी और 8 रन से गंवाया था. 

आरपी सिंह ने 2006 से 2011 के बीच भारत के  लिए 14 टेस्‍ट मैच खेले थे, जिसमें उन्‍होंने 42.05 की एवरेज से 40 विकेट लिए. इस दौरान उनके नाम एक फाइफर भी था. 

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