भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल टेस्ट में अंपायर कुमार धर्मसेना ने बड़ी गड़बड़ कर दी. उन्होंने एंडरसन तेंदुलकर ट्रॉफी के पांचवें और आखिरी टेस्ट के पहले दिन में गलती की जिसका सीधा फायदा इंग्लैंड को मिला. जॉश टंग की गेंद पर साई सुदर्शन के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील को उन्होंने ठुकरा दिया और डीआरएस का समय पूरा होने से पहले ही ऐसा करने की वजह भी बता दी. इससे इंग्लिश टीम का एक डीआरएस बच गया. भारत की पारी के 13वें ओवर में ऐसा हुआ. स्टार स्पोर्ट्स ने इस घटना का वीडियो शेयर किया है.
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टंग ने भारतीय पारी के 13वें ओवर की दूसरी गेंद यॉर्कर डाली जिसने सुदर्शन को हैरत में डाल दिया. वह इस डिफेंड करने की कोशिश में संतुलन खो बैठे और मैदान पर गिर गए. गेंद उनके पैड के निचले हिस्से पर लगी. इंग्लिश टीम ने इस पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील की. लेकिन धर्मसेना ने उनकी अपील को खारिज किया. इस दौरान वह अंगुलियों से यह इशारा करते दिखे कि गेंद पहले बल्ले से लगी थी. इसे देखकर इंग्लैंड के कप्तान ऑली पोप ने डीआरएस नहीं लिया. रिप्ले में सामने आया कि गेंद लो फुल टॉस रही थी और सुदर्शन उस पर बल्ला लगाने में सफल रहे थे. ऐसे में धर्मसेना का फैसला सही साबित हुआ. लेकिन उन्होंने लापरवाही से इंग्लैंड की मदद कर दी.
DRS नियमों के तहत अंपायर नहीं बता सकते अपील खारिज करने की वजह
डीआरएस नियमों के तहत जब भी आउट को लेकर अपील की जाती है तब डीआरएस के 15 सैकेंड का समय गुजरने से पहले अंपायर न तो अपना फैसला देने के बारे में कुछ कह सकते हैं और न ही उस गेंद का रिप्ले चलाया जा सकता है. इसे खिलाड़ी की मदद के रूप में देखा जाता है. धर्मसेना ने ओवल टेस्ट में ऐसा ही कुछ किया. कमेंट्री कर रहे इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल आथर्टन ने इस घटना पर कहा, भारत कहेगा कि हम चाहते हैं कि इंग्लैंड का एक रिव्यू हटाया जाए.
वहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर ने कहा कि अंपायर्स की आदत जाती नहीं है. जब धर्मसेना ने अंपायरिंग शुरू की तब तो डीआरएस नहीं था. तब अंपायर बता दिया करते थे कि उन्होंने क्यों फैसला किया है. धर्मसेना को बताना नहीं चाहिए था.
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