IND vs ENG: मोहम्मद सिराज को ओवल टेस्ट जीतने के बाद इस दिग्गज की सताई याद, BCCI से कहा- अगर वह होते तो...

मोहम्मद सिराज भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन तेंदुलकर ट्रॉफी में सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने पांच टेस्ट की सीरीज में 23 विकेट लिए और भारत को 2-2 से बराबर किया.

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Mohammed Siraj and Gautam Gambhir

ओवल टेस्ट में मिली जीत के बाद गौतम गंभीर और मोहम्मद सिरज के चेहरे पर दिखी मुस्कान (Photo: Getty Images)

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मोहम्मद सिराज इकलौते गेंदबाज रहे जिन्होंने इंग्लैंड दौरे पर सभी पांच टेस्ट खेले.

जसप्रीत बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते ओवल टेस्ट का हिस्सा नहीं थे.

मोहम्मद सिराज ओवल टेस्ट में भारत की जीत के हीरो रहे. उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट समेत आखिरी टेस्ट में कुल नौ शिकार किए. इससे टीम इंडिया ने छह रन से इंग्लैंड को हरा दिया और पांच टेस्ट की सीरीज को 2-2 की बराबरी के साथ खत्म किया. मोहम्मद सिराज को इस मुकाबले के बाद काफी तारीफ मिली लेकिन उन्हें ओवल टेस्ट के दौरान जसप्रीत बुमराह की काफी कमी खली. उन्होंने कहा कि जब भारत जीत रखा था तब उन्हें अपने सीनियर साथी की कमी महसूस हुई. बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते आखिरी टेस्ट मे नहीं खेले. उन्हें पांचवें टेस्ट के दूसरे दिन के खेल से पहले भारतीय टीम से रिलीज भी कर दिया गया था. ऐसे में वह जीत के वक्त टीम इंडिया के साथ नहीं थे.

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सिराज ओवल टेस्ट में नौ विकेट लेकर प्लेयर ऑफ दी मैच बने. उन्होंने बीसीसीआई की ओर से पोस्ट किए वीडियो में कहा, हर बल्लेबाज, हर गेंदबाज (जिसने टेस्ट खेला), उसे मैं सलाम करता हूं. जिस तरह से हमने वापसी की वह शानदार थी. मुझे जस्सी (बुमराह) भाई की याद आती है क्योंकि अगर वह वहां होते तो यह खास होता. मुझे जस्सी भाई और खुद पर विश्वास है.’

मोहम्मद सिराज को कचोट रहा था ब्रूक को जीवनदान देना

 

सिराज से ओवल टेस्ट के चौथे दिन के खेल में एक गलती हुई. वह हैरी ब्रूक का कैच सफाई से नहीं पकड़ सके. तब यह बल्लेबाज 19 रन के स्कोर पर था. बाद में ब्रूक ने शतक लगाया और जो रूट के साथ मिलकर इंग्लैंड को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया. ऐसे में सिराज ने निश्चय किया कि वह गलती की भरपाई करेंगे और पांचवें दिन पूरा जोर लगाएंगे. उन्होंने कहा,

ईमानदारी से कहूं तो, इस समय (जीत के बाद) जो भावनाएं मेरे अंदर हैं, मैं उन्हें शब्दों में बयां नहीं कर सकता, क्योंकि कल (रविवार को) मैंने कैच छोड़ दिया था. जब मैं (चौथे दिन के बाद) सोने जा रहा था, तो मैं बस यही सोच रहा था कि मैंने ऐसा कैसे कर दिया. अगर मैंने वह कैच ले लिया होता, तो हमें सोमवार (पांचवें दिन) को मैदान पर आकर खेलने की ज़रूरत नहीं पड़ती. हम आराम कर रहे होते. लेकिन ऊपर वाले ने हमारे लिए कुछ और ही सोच रखा था. वह हमें सोमवार को स्टेडियम तक ले आया और नतीजा सबके सामने है.

सिराज ने आगे कहा, 'जब मैं सुबह उठा तो मेरे अंदर से आवाज आ रही थी कि मैं भारत को जीत दिला सकता हूं. मैं खेल को बदल सकता हूं. मुझे खुद पर भरोसा था. मैं सुबह उठा और मैंने गूगल पर बिलीव (भरोसा) लिखी फोटो ली और इसे अपने फोन का वॉलपेपर बनाया. मुझे हमेशा से भरोसा रहा है कि मैं किसी भी जगह से मैच जीता सकता हूं और मैंने पांचवें दिन की सुबह वही किया.'

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