शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट में उस काम को मुमकिन कर दिखाया, जो अभी तक नाममुकिन लग रहा था. वह इंग्लैंड की धरती पर सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं. उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन 269 रन की पारी खेली. इस नामुमकिन से दिखने वाले काम को मुमकिन करने के बाद शुभमन गिल ने इसके पीछे का राज खोला. कप्तान गिल ने कहा कि उन्होंने उसी तरह बल्लेबाजी की कोशिश की जैसे वह अपने शुरुआती दिनों में करते थे और बल्लेबाजी में लय और लुत्फ दोनों पर फोकस था.
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गिल ने 387 गेंद में 269 रन बनाये और इंग्लैंड में किसी टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय और एशियाई कप्तान बन गए. वह सुनील गावस्कर और राहुल द्रविड़ के बाद इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. गिल ने लीड्स में पहले टेस्ट में भी शतक लगाया था. सीरीज से पहले तकनीक में बदलाव को लेकर गिल ने ब्रॉडकास्टर से कहा-
मैने आईपीएल के आखिर में और इस सीरीज से पहले इस पर काफी काम किया.
उन्होंने कहा-
मैंने मूल रूप से शुरुआती मूवमेंट पर काम किया. इससे पहले मुझे लगता था कि बल्लेबाजी अच्छी हो रही है. मैं 30, 35, 40 रन लगातार बना रहा था, लेकिन शीर्ष फोकस टाइम की कमी लग रही थी.कई लोग कहते हैं कि जब ज्यादा फोकस करते हैं तो सही समय पर फोकस नहीं रह पाता.
उन्होंने कहा-
इस सीरीज में मैने अपने बेसिक्स पर लौटने की कोशिश की. मैंने उसी तरह बल्लेबाजी की कोशिश की जैसे बचपन में करता था. मैंने रन पर फोकस करने की बजाय अपनी बल्लेबाजी का मजा लेने पर ध्यान दिया.
गिल ने कहा-
कई बार जब आप प्रवाह में रन नहीं बना रहे हैं तो बल्लेबाजी में मजा नहीं आता. आप रन बनाने पर बहुत फोकस करने लगते हैं. मुझे महसूस हुआ कि बल्लेबाजी में वही कमी लग रही है. मैंने रन बनाने पर इतना फोकस किया कि मजा लेना भूल गया था.
उन्होंने कहा-
पिछले मैच में मैने अधिक प्रवाह के साथ खेला लेकिन यहां उतना आसान नहीं था. मैंने सोचा कि अगर विकेट अच्छी है और मैं क्रीज पर जम गया हूं तो लंबे समय तक टिककर खेलूंगा.मैच को बीच में नहीं छोडूंगा.
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