भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों के सीरीज का पहला मुकाबला 20 जून से होना है. इस सीरीज के साथ ही शुभमन गिल की कप्तानी के युग का आगाज होगा. जबकि करीब एक दशक बाद टेस्ट टीम इंडिया विराट कोहली जैसे सितारे के बिना रेड बॉल क्रिकेट विदेश में खेलती नजर आएगी. ऐसे में गिल के सामने जहां तमाम चैलेंज सामने आएंगे, वहीं इंग्लैंड की सरजमीं पर खेली जाने वाली भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम भी पटौदी ट्रॉफी से बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन कर दिया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कौन है पटौदी जिनके नाम पर ट्रॉफी का नाम रखा गया था और इसका सैफ अली खान से क्या है कनेक्शन.
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साल 2007 में पटौदी ट्रॉफी हुई थी इजाद
भारत और इंग्लैंड के बीच पहली टेस्ट सीरीज साल 1932 में शुरू हुई थे. इस टेस्ट सीरीज की 75वीं वर्षगांठ पूरी होने पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम पटौदी ट्रॉफी रखा गया. साल 2007 से लेकर साल 2021 तक भारत और इंग्लैंड के बीच ये टेस्ट सीरीज पटौदी के नाम से खेली गई और अब इसे बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी कर दिया गया है.
कौन है पटौदी ?
पटौदी ट्रॉफी का नाम भारतीय क्रिकेटर के परिवार के नाम पर रखा गया. इफ्तिखार अली खान पटौदी ने तीन मौकों पर भारत और इंग्लैंड दोनों देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और ऐसा करने वाले वह एकमात्र व्यक्ति हैं. इफ्तिखार के बेटे मंसूर अली खान पटौदी 1960 और 1970 के दशक में लंबे समय तक भारतीय टीम के कप्तान रहे और उन्होंने एक आंख चोट के चलते खराब होने के बावजूद क्रिकेट के मैदान में झंडे गाड़े. मंसूर अली खान अपने जमाने के बेस्ट फील्डर में से एक थे तो उनको क्रिकेट के दुनिया का टाइगर भी कहा जाता था.
सैफ अली खान का कनेक्शन
मंसूर अली खान की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेले और 40 मैचों में कप्तानी का भार संभाला. 1962 से लेकर 1975 तक 46 टेस्ट मैचों में उनके नाम 2793 रन दर्ज हैं और छह टेस्ट शतक उनके नाम हैं. जबकि 310 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 15425 रन दर्ज हैं. 22 सितंबर 2011 को लंबी बीमारी के चलते मंसूर अली खान का 70 साल की उम्र में निधन हो गया और उनके बेटे सैफ अली खाना बॉलीवुड के जाने माने एक्टर हैं. सैफ अली खान ने क्रिकेट नहीं बल्कि बॉलीवुड में करियर बनाना सही समझा लेकिन उनके परिवार में क्रिकेट की विरासत हमेशा बनी रहेगी.
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