IND vs ENG Test: भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड दौरे पर पहले टेस्ट में हार झेलनी पड़ी. हेडिंग्ले में खेले गए मुकाबले में उसने 371 रन का लक्ष्य रखा था और मेजबान ने पांच विकेट गंवाकर इसे हासिल कर लिया. उसकी तरफ से बेन डकेट ने चौथी पारी में शानदार शतक लगाया तो जैक क्रॉली और जो रूट ने अर्धशतक उड़ाए. इससे इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया. वहीं भारत को दूसरी बार 350 प्लस का टारगेट देने के बाद भी हार मिली. इससे पहले 2022 में इंग्लैंड ने ही उसके खिलाफ ऐसा कमाल किया था.
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शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम को हेडिंग्ले में हार के साथ एक घटिया रिकॉर्ड भी अपने नाम करना पड़ा. टेस्ट क्रिकेट में यह पहली बार है जब किसी टीम को पांच शतक लगाने के बाद भी शिकस्त झेलनी पड़ी. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को 1928-29 में मेलबर्न में चार शतक लगाने के बाद भी हार मिली थी. उस टेस्ट में डॉन ब्रेडमैन ने डेब्यू किया था. भारत ने हेडिंग्ले में दोनों पारियों में कुल 835 रन बनाए. अब जानिए टीम इंडिया को किन वजहों से हार का सामना करना पड़ा.
खराब फील्डिंग
टीम इंडिया को पहले टेस्ट में फील्डिंग ने काफी निराश किया. इंग्लैंड की पहली पारी में पांच मौके गंवाए गए तो दूसरी पारी में भी तीन कैच टपकाए गए. इसका असर रहा कि भारत के हाथ से मैच फिसलता गया. इंग्लैंड को पहली पारी में कैच टपकाने के चलते कम से कम 200 रन का फायदा हुआ. इससे उसने भारत को केवल छह रन की बढ़त लेने दी. दूसरी पारी में फिर से कैच छोड़े गए इससे भारत जीत से दूर हो गया. हैरी ब्रूक, बेन डकेट, ऑली पोप, जैक क्रॉली जैसे बल्लेबाजों के मौके गंवाए गए. यशस्वी जायसवाल ने चार कैच इस मैच में छोड़े.
निचले क्रम के बल्लेबाजों की नाकामी
भारत की दोनों पारियों में एक समानता रही. गुच्छों में विकेट गंवाना. दोनों ही बार निचले क्रम के बल्लेबाजों ने निराश किया. पहली पारी में सात विकेट 41 रन में गंवा दिए गए तो दूसरी पारी में 31 रन में छह विकेट गिरे. इससे भारत पहली पारी में 500 का आंकड़ा पार नहीं कर सका तो दूसरी में 400 पार नहीं हुआ. इससे उलट इंग्लैंड के निचले क्रम ने रन जोड़े और अंत में यही जीत और हार का अंतर बना.
कप्तानी में अनुभव की कमी
शुभमन गिल ने हेडिंग्ले से टेस्ट कप्तान के रूप में सफर शुरू किया. लेकिन उनके नेतृत्व में अनुभव की कमी साफ दिखी. वे चार तेज गेंदबाजों को लेकर उतरे लेकिन शार्दुल ठाकुर पहली पारी में केवल छह ओवर फेंक सके. दूसरी में उन्होंने 10 ओवर डाले. इसी तरह रिव्यू के मामले में भी शुभमन का हाल बुरा रहा. उन्होंने सभी छह रिव्यू गंवाए. जब भारत बॉलिंग कर रहा था तब वे किसी तरह की रणनीति भी नहीं बना सके जिसमें इंग्लिश बल्लेबाजों को फंसाया जा सके.
तेज गेंदबाजों की असफलता
जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में कमाल की बॉलिंग की थी. लेकिन दूसरे छोर से उन्हें मदद नहीं मिली. जब-जब भी उनकी बॉलिंग ने दबाव बनाया तो दूसरे गेंदबाजों ने उसे खत्म कर दिया. मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा पहली पारी में बुरी तरह से असफल रहे. इससे इंग्लैंड पर नियंत्रण नहीं हुआ. दूसरी पारी में इन्होंने सुधार किया लेकिन ज्यादा विकेट नहीं निकाल सके. दोनों की ही गेंदों पर काफी रन भी बने जो चिंता को बढ़ाते हैं.
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