नई दिल्ली। सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे मैच के लिए भारतीय टीम केपटाउन पहुंच गई है. केपटाउन में भारतीय टीम का प्रदर्शन अब तक ठीक-ठाक ही रहा है. केपटाउन में भारतीय टीम चार बार भिड़ी है और दो बार टीम को जीत नसीब हुई है तो वहीं दो बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा है. भारतीय टीम को इस मैदान पर दूसरी जीत पिछली बार 2018 के दौरे पर मिली हैं जब विराट कोहली की अगुवाई में टीम साउथ अफ्रीका को घर में घुसकर हरा के आई थी. भारत ने 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ छह मैचों की सीरीज का तीसरा वनडे मैच केपटाउन में खेला था जहां विराट ने अकेले दम पर टीम के लिए रनों की इमारत खड़ी की थी. आइए जानते उस मैच के बारे में कि कैसे कोहली के बल्ले ने अफ्रीकी गेंदबाजों की बोलती बंद कर दी.
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टॉस के साथ ही मेजबान गवां बैठे मैच
सीरीज में 2-0 की बढ़त लेने के बाद भारतीय टीम का कारवां केपटाउन पहुंचा. सिक्का मेजबानों के पक्ष में गिरा और उन्होंने भारत को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया. भारत की शुरुआत खराब रही और रोहित शर्मा बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए. लेकिन उसके बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान कोहली ने शिखर धवन के साथ 140 रनों की साझेदारी कर टीम की वापसी कराई. धवन 76 रन बनाकर पवेलियन लौट गए लेकिन कोहली का बल्ला शांत नहीं हुआ. वह एक छोर से रन बनाते रहे जिसके दम पर टीम ने छह विकेट खोकर 303 रन स्कोरबोर्ड पर लगा दिए.
कुलचा के आगे नतमस्तक साउथ अफ्रीका
304 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव (कुलचा) के आगे सरेंडर हो गई. दोनों गेंदबाजों ने चार-चार विकेट चटकाए और साउथ अफ्रीकी टीम को 179 रनों पर समेट कर मैच 124 रनों से भारत की झोली में डाल दिया. साउथ अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा 51 रन जेपी डुमिनी और 32 रन कप्तान एडन मार्क्रम ने बनाए. मेजबान लगातार विकेट खोते रहे और केपटाउन वनडे हारकर सीरीज में 3-0 से पीछे हो गए.