राजस्थान की टीम को करीब चार साल बाद घरेलू मैदान में खेले जाने वाले पहले मैच में लखनऊ सुएर जायंट्स के सामने 10 रनों की हार झेलनी पड़ी. लेकिन मैच में एक समय ऐसा लग रहा था कि राजस्थान की टीम आसानी से मैच को अपने नाम कर लेगी. 13वें ओवर के दौरान राजस्थान की टीम 155 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 93 रन बना चुकी थी. मगर इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि 10 रन पीछे रह गए. इस पर टीम के हेड कोच कुमार संगकारा का मानना है कि अंतिम ओवरों में बल्लेबाज लखनऊ के गेंदबाजों को जवाबा नहीं दे सके. जिससे हार झेलनी पड़ी.
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सलामी बल्लेबाजों ने मजबूत शुरुआत दिलाई
राजस्थान के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (44) और जोस बटलर (40) ने ओपनिंग में 87 रनों की भागीदारी निभाई थी. मगर टीम का दूसरा विकेट 93 रन के स्कोर पर कप्तान संजू सैमसन के रन आउट होने के रूप में गिरा. इसके बाद राजस्थान के विकेट गुच्छे के रूप में गिरे और 48 रन के भीतर 5 विकेट गंवाने से उनकी टीम को हार झेलनी पड़ी. जिस पर कुमार संगकारा ने कहा कि हमारे सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत दिलाई थी. जब 12वां ओवर समाप्त हुआ था. उस समय हमें 8 रन प्रति ओवर चाहिए थे. जबकि हमारे विकेट भी बचे हुए थे. इसलिए टारगेट को हासिल करना मुश्किल नहीं था.
3 ओवर में गंवाए 3 विकेट लेकिन जज्बे की रही कमी
संगकारा ने आगे कहा, "दुर्भाग्यवश हमने तीन ओवरों में लगातार तीन विकेट गंवाए. मगर इसके बाद भी लक्ष्य को हासिल कर सकते थे. लेकिन हमने अंतिम ओवरों में उनके स्पिनर रवि बिश्नोई पर भी हावी होने का जज्बा नहीं दिखाया. जबकि हम यह अच्छे से जानते थे कि अगर कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है तो कोई असर नहीं पड़ेगा. इन सब चीजों के चलते हमें हार सहनी पड़ी. गेंद पुरानी होने के बाद इस विकेट पर बल्लेबाजी करना और कठिन हो गया था. लखनऊ के गेंदबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी का नजारा पेश किया."
टॉप पर राजस्थान
इस हार के बाद भी राजस्थान की टीम अंकतालिका में छह मैचों में चार जीत के साथ 8 अंक लेकर टॉप पर बनी हुई है. जबकि लखनऊ की टीम भी अब छह मैचों में चार जीत के साथ दूसरे पायदान पर है. मगर उसका नेट रन रेट 0.709 राजस्थान के नेट रन रेट 1.043 से कम है.
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