कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान के क्यूरेटर की आलोचना के बाद बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) ने बड़ा कदम उठाते हुए हर्षा भोगले और साइमन डुल की बीसीसीआई से शिकायत कर दी. कैब ने कहा कि जब भी कोलकाता नाइट राइडर्स के घरेलू मुकाबले हों तब इन दोनों कमेंटेटर्स को काम मत देना. भोगले और डुल ने कोलकाता की पिच को लेकर मचे बवाल को लेकर कहा था कि अगर मनपसंद पिच नहीं मिलती है तो केकेआर को अपने मुकाबले कहीं और शिफ्ट कर लेने चाहिए. इसी पर बंगाल क्रिकेट का रिएक्शन आया है.
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समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कैब के सेक्रेटरी नरेश ओझा ने 10 दिन पहले बीसीसीआई को लिखा कि कोलकाता के घरेलू मैचों के दौरान भोगले और डुल को कमेंट्री पैनल में न रखा जाए. दिलचस्प बात है कि 21 अप्रैल को ईडन गार्डन्स में केकेआर और गुजरात टाइटंस के मैच में ये दोनों कमेंट्री में नहीं थे. हालांकि बताया जाता है कि भोगले केकेआर के किसी मैच में कमेंट्री में नहीं हैं. हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि उनका रोस्टर पहले ही बन गया था या फिर कैब की शिकायत के बाद ऐसा हुआ है.
बंगाल क्रिकेट के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, भोगले और डुल केकेआर के घरेलू मैचों के दौरान कमेंट्री पैनल का हिस्सा नहीं है. अगर ईडन में दूसरा क्वालिफायर और फाइनल होने पर स्थिति बदल सकती है.
रहाणे-पंडित ने की आलोचना
केकेआर के शुरुआती घरेलू मैचों के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे और हेड कोच चंद्रकांत पंडित दोनों ने स्पिन फ्रेंडली पिच नहीं मिलने पर निराशा जाहिर की थी. लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ हार के बाद रहाणे ने कहा था, 'स्पिनर्स के लिए कोई मदद नहीं थी, यह बात मैं साफ कर दूं.' इसके बाद एक मैच से पहले उन्होंने कहा था कि अगर वे पिच को लेकर कुछ बोलेंगे तो विवाद हो जाएगा. वहीं केकेआर के हेड कोच ने कहा था कि अगर पसंद के हिसाब से पिच मिलती है तो अच्छी बात है.
कोलकाता पिच क्यूरेटर ने दिया था तीखा जवाब
बताया जाता है कि सुनील नरेन, वरुण चक्रवर्ती और मोईन अली जैसे स्पिनर्स होने के चलते केकेआर मैनेजमेंट ने स्पिन के लिए मददगार पिच की मांग की थी. हालांकि क्यूरेजर सुजान मुखर्जी ने कहा था कि आईपीएल टीम अपने पसंद के हिसाब से पिच नहीं मांग सकती है. उन्होंने बीसीसीआई की गाइडलाइंस का हवाला दिया था. हालांकि बाद में उनकी सफाई आई थी.
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