विराट कोहली जब से आईपीएल शुरू हुआ है तब से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेल रहे हैं. वे यह भी कह चुके हैं कि किसी दूसरी टीम में अब जाना भी नहीं चाहते हैं और रिटायरमेंट तक ही आरसीबी में ही खेलना चाहते हैं. यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि दिल्ली फ्रेंचाइज के पास विराट कोहली को लेने का मौका था. मगर उसने इस बल्लेबाज को लेने की जगह बाए हाथ के पेसर प्रदीप सांगवान को तवज्जो दी. उस टीम को तब बल्लेबाज चाहिए नहीं था इसलिए पेसर को लिया. अब कोहली के दिल्ली के बजाए बेंगलुरु में जाने की डिटेल्स सामने आई हैं.
ADVERTISEMENT
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली ने अंडर 22 कैटेगरी में कोहली, सांगवान और तन्मय श्रीवास्तव की पहचान की थी कि इनमें से वे किन्हीं दो को टीम में शामिल करेंगे. बाद में नया सिस्टम बना और अंडर 19 भारतीय टीम के खिलाड़ियों को ड्राफ्ट के जरिए चुनने का फैसला हुआ. इसके तहत हर टीम को ड्राफ्ट में दो खिलाड़ी चुनने का मौका मिलता. दिल्ली का नाम सबसे पहले खिलाड़ी चुनने के लिए आया. आरसीबी के तत्कालीन सीईओ चारू शर्मा ने याद करते हुए बताया, जैसे ही दिल्ली का नाम आया वैसे ही बाकी सब फ्रेंचाइज के अधिकारियों ने निराशा जताई. उन्हें लगा कि कोहली तो गया. वह तब टीम का कप्तान था, सबसे अच्छा खिलाड़ी था और दिल्ली से आता है. लेकिन सबको चौंकाते हुए दिल्ली के अधिकारियों ने एक घेरा बनाया और सोचविचार के बाद कहा, हम बाएं हाथ के सीमर प्रदीप सांगवान को लेंगे.
दिल्ली ने क्यों कोहली को नहीं लिया
दिल्ली के पास एक से बढ़कर एक बल्लेबाजों की फौज थी जिनमें वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, एबी डिविलियर्स, तिलकरत्ने दिलशान, दिनेश कार्तिक जैसे नाम शामिल थे. इस वजह से उसने कोहली के रूप में बल्लेबाज को चुनने की जगह बाएं हाथ के पेसर को लिया. दिल्ली के बाद आरसीबी के पास खिलाड़ी चुनने का मौका आया. चारू शर्मा ने इस बारे में कहा,
हमने बिना समय गंवाए कहा कि विराट कोहली, शुक्रिया. मुझे नहीं लगता कि किसी को पता था कि वह बड़ा ग्लोबल सुपरस्टार बनेगा लेकिन उसने भारत के लिए अंडर 19 क्रिकेट खेलते हुए इस तरह के संकेत दे दिए थे.
कोहली का पहले तीन आईपीएल सीजन में अच्छा रिकॉर्ड नहीं था. केवल दो फिफ्टी वे लगा सके थे. मगर 2012 के बाद से उनका आईपीएल में जलवा दिखने लगा और आज वे इस लीग के सबसे कामयाब, प्रभावशाली बल्लेबाज हैं.
ADVERTISEMENT