आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स बाहर होने की कगार पर है. टीम आठ में से छह मुकाबले हार चुकी है और आईपीएल अंक तालिका के पैंदे में है. एक हार और इस सीजन में उसका खेल खत्म हो जाएगा. पांच बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बैटिंग इस सीजन में सबसे बड़ी समस्या रही है. उसका टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर तेजी से रन बनाने में नाकाम रहा है. नतीजा रहा कि ज्यादातर मैचों में टीम जरूरी रनों से बहुत दूर रह गई. चेन्नई की बैटिंग में एक बड़ी कमजोरी रवींद्र जडेजा के बल्ले की खामोशी रही है. वह इस टीम में फिनिशर के साथ ही मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज की भूमिका निभाते हैं. लेकिन आईपीएल 2025 में इन दोनों ही जगह वे काम नहीं आ सके.
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जडेजा को चेन्नई के मैनेजमेंट ने कई मुकाबलों में चौथे नंबर पर भी बैटिंग के लिए भेजा लेकिन वे रनों की गति को नहीं बढ़ा सके. आईपीएल 2025 में उन्होंने अभी तक स्पिनर्स की 58 गेंद खेली हैं और इनमें केवल 51 ही रन बना पाए हैं. केवल दो बाउंड्री वे स्पिन गेंदों पर लगा सके हैं. कई मौकों पर तो ऐसा भी लगा कि वे स्पिन को खेलने के बजाए टालने पर ध्यान दे रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण मुंबई इंडियंस के खिलाफ मुकाबले में दिखा था. जब चेन्नई ने चार विकेट पर 145 रन बना लिए थे और उसके पास तेजी से रन जुटाने का सुनहरा मौका था. लेकिन मुंबई ने तब गेंद मिचेल सैंटनर को थमाई और इसके बाद उस ओवर में केवल छह रन बने और वह भी वाइड की मदद से.
जडेजा की नाकामी ने चेन्नई का किया नुकसान
जब भी जडेजा बैटिंग के लिए जाते हैं तो विरोधी टीमें उनके सामने स्पिन को लगा देती हैं. मिडिल ऑर्डर में खेलने वाले बल्लेबाज के इस तरह के आंकड़े किसी भी टीम के लिए चिंता की बात है. अगर जिस टीम का टॉप ऑर्डर सुस्त हो तो वहां ऐसी बैटिंग कोढ़ में खाज़ का काम कर सकती है. आमतौर पर चेन्नई जडेजा को पहले निचले क्रम में उतारा करती थी और इसका फायदा उन्हें मिला था. कई अहम मौकों पर उन्होंने चेन्नई को जीत दिलाई थी. फिर वह आईपीएल 2021 में आरसीबी के खिलाफ हर्षल पटेल के एक और से 35 रन बटोरना हो या आईपीएल 2023 के फाइनल में आखिरी दो गेंद पर छक्का-चौका लगाकर चेन्नई को पांचवीं बार खिताब दिलाना हो. लेकिन आईपीएल 2025 में ऐसा नहीं हो पा रहा.
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