चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल 2025 के 52वें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों दो रन से हार गई. बेंगलुरु ने 214 रन का टार्गेट दिया था, जिसके जवाब में चेन्नई 20 ओवर में 5 विकेट पर 211 रन ही बना पाई. आखिरी तीन गेंदों में चेन्नई को छह रन की जरूरत थी, मगर यश दयाल के सामने रवींद्र जडेजा और शिवम दुबे आखिरी तीन गेंदों पर सिर्फ तीन रन ही बना पाए और चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा . आयुष म्हात्रे ने चेन्नई के लिए बसे ज्यादा 94 रन बनाए. वहीं जडेजा ने 77 रन बनाए. तूफानी बल्लेबाज ब्रेविस डक हो गए. ब्रेविस का जीरो पर आउट होना भी चेन्नई की हार की सबसे बड़ी वजह रहा, अगर ब्रेविस क्रीज पर टिक जाते तो शायद वह मैच पहले ही खत्म कर देते, मगर उन्हें नॉटआउट होते हुए भी पवेलियन लौटना पड़ा.
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दरअसल लुंगी एंगिडी की लुंगी एंगिडी की फुलटॉस गेंद सीधे ब्रेविस के पैर पर लगी. जिस पर अपील के बाद मैदानी अंपायर ने आउट दिया, मगर ब्रेविस ने जडेजा से पूछने के बाद DRS का इशारा किया तो अंपायर ने उनको बताया कि रिव्यू लेने का 15 सेकंड का टाइम समाप्त हो चुका है. इससे ब्रेविस गुस्से में पवेलियन लौट गए, क्योंकि मैच की स्क्रीन पर DRS टाइमर दिखाया ही नहीं गया.
अब ब्रेविस के आउट होने का असली कसूरवार सामने आ गया है. अनुभवी अंपायर अनिल चौधरी ने इस विवाद के कसूरवार के बारे में बताया. स्टार स्पोर्ट्स के शो में उन्होंने कहा कि-
यह बल्लेबाज का काम है वह देखें और जब पांच सैकंड बचते हैं, तब भी अंपायर बताते हैं कि पांच सैकंड और है. यह जरूर बताया गया होगा और यह कम्यूनिकेशन गैप नही होता, बल्कि यह तो प्रोटोकॉल है कि पांच सैकंड बचने पर भी अंपायर को इशारा करना होता है कि बल्लेबाज देख ले.
अनिल चौधरी ने आगे कहा-
शायद वह भागने में बिजी थी. जब से डीआरएस आया है, तब से मैंने यह पहली बार देखा है कि लोग आउट होने के बावजूद भाग रहे हैं. आउट देने के बाद तो बॉल डेड होती है. भागने का कोई मतलब नहीं है. वह रन किसी भी तरह नहीं माने जाते. डीआरएस में नॉटआउट भी होता, तब भी यह रन माने नहीं जाते. बल्लेबाजों ने भागकर अपना समय खराब किया और वह अंपायर का कम्यूनिकेशन सुन ही नहीं पाए. हां बिग स्क्रीन पर नहीं आया, यह प्लेयर्स के लिए थोड़ा कंफ्यूजिंग पार्ट था.
यह चिंता की बात है कि बिग स्क्रीन पर क्यों नही आया. यह अंपायर नहीं गलती नहीं है.बिग स्क्रीन को चलाने के लिए एक अलग ऑपरेटर होता है, उसकी गलती है. प्लेयर्स की थोड़ी खराब किस्मत रही. उन्हें नहीं दिखा तो उन्हें ब्लेम नहीं कर सकते. यह टीवी अंपायर और मैदानी अंपायर ने चर्चा की . प्लेयर्स को बताया और अंपायर्स का फैसला ही फाइनल होता है और वह माना जाएगा और वही हुआ होगा.
बेंगलुरु की टीम इस जीत के बाद 16 अंकों के साथ पॉइंट टेबल में टॉप पर है. वह प्लेऑफ में जगह बनाने के काफी करीब पहुंच गई है. वहीं चेन्नई की 11 मैचों में यह 9वीं हार है और वह प्लेऑफ की रेस से पहले ही बाहर हो गई थी.
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