शुभमन गिल ने मुंबई टेस्ट में भारत के लिए पहली पारी में सबसे ज्यादा रन बनाए. उन्होंने 90 रन की पारी खेली और भारत को न्यूजीलैंड के सामने पहली पारी की बढ़त लेने में मदद की. नंबर तीन पर उतरकर बैटिंग करते हुए शुभमन गिल ने इस साल टेस्ट में शानदार खेल दिखाया है. मुंबई टेस्ट में भी उन्होंने ऋषभ पंत के साथ 96 रन की साझेदारी करते हुए भारत को चार विकेट पर 84 रन के मुश्किल स्कोर से उबारा. हालांकि गिल से दूसरे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी बैटिंग पॉजीशन और यहां पर रन नहीं बनने पर दबाव महसूस होने का सवाल किया गया तो वे थोड़े से हैरान हो गए.
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उनसे एक पत्रकार ने पूछा, जब से आप नंबर तीन पर आए हैं तो जब रन नहीं बनते हैं तो दबाव रहता है? तब क्या माइंडसेट रहता है? इस पर शुभमन ने कहा, ’मेरी बात हो रही है? मुझे लगता है कि मेरा यह शानदार साल रहा है. मैं पिछले टेस्ट में खेला था, मुझे दो बार अच्छी शुरुआत मिली है. मैं बड़ी पारी नहीं खेल पाया वह अलग बात है. लेकिन इस पारी में बैटिंग को लेकर मुझे काफी आत्मविश्वास था. मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं था.’
गिल ने भारत को मुश्किल से कैसे निकाला?
गिल ने दूसरे दिन की शुरुआत में दबाव के हालात का सामना करने के बारे में कहा, ‘मैं खेल का मजा लेने की कोशिश कर रहा था. मुझे बल्लेबाजी करना पसंद है और मैं यही सोच रहा था कि वहां जाकर देर तक बल्लेबाजी करूं. मैं यह सोचकर खुद पर बहुत अधिक दबाव डालने की कोशिश नहीं कर रहा था कि मुझे इतने रन बनाने हैं. मैं मैदान पर खेल का लुत्फ़ उठाने की कोशिश कर रहा था, भले ही वह मुश्किल था. क्योंकि आपको इतने टेस्ट मैच खेलने को नहीं मिलते.’
शुभमन ने बताया कोच से क्या बात हुई
शुभमन ने पहली पारी में बनाए 90 रन को करियर की सबसे अच्छी पारियों में माना. उन्होंने इस बारे में बताया, 'यह निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट में मेरी सबसे अच्छी पारियों में से एक है. इस टेस्ट से पहले मैं उन चीजों पर काम कर रहा था जिन पर मैंने इंग्लैंड सीरीज से पहले काम किया था. उस सीरीज में मैं स्पिनर्स के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी कर रहा था. इस मैच से पहले अभ्यास में बस उस मानसिकता में वापस जाने में सक्षम होने के लिए और स्पिनर्स को खेलने के तरीके को दोहराने की कोशिश कर रहा था. कोच के साथ बातचीत बस इसे फिर से दोहराने के बारे में थी कि स्पिनर्स को अच्छी तरह से किस तरह खेला जाए.’