मुंबई। न्यूजीलैंड पर दूसरे टेस्ट में भारत की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल से सोमवार को कहा कि अच्छी तकनीक के बावजूद हमेशा रन बनाने की कोई गारंटी नहीं है लेकिन अच्छे प्रदर्शन में संघर्ष करने की प्रतिबद्धता की अहम भूमिका होती है. अग्रवाल ने पहली पारी में 150 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में भी 62 रन बनाए जिसके लिए उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.
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अग्रवाल ने भारत के सीरीज 1-0 से जीतने के बाद कहा, ‘‘रन बनाकर अच्छा महसूस होता है और यह पारी मेरे लिए विशेष है. कानपुर की तुलना में मैंने कुछ भी बदलाव नहीं किया. मैं सिर्फ मानसिक अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ खेला.’’
दूसरी पारी में शतक नहीं जमाने का मलाल
30 साल के मयंक ने कहा कि वह किसी भी पारी में शतक के बारे में नहीं सोच रहे थे लेकिन दूसरी पारी में 60 रन से अधिक के स्कोर को उन्हें शतक में बदलना चाहिए था, ‘‘तकनीक हमेशा सर्वश्रेष्ठ नहीं होती, इससे रन बनाने की गारंटी नहीं मिलती लेकिन संघर्ष करने की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण होती है. साउथ अफ्रीका में अलग तरह की चुनौती होगी, एक टीम के रूप में हम उसका लुत्फ उठाएंगे और इसे लेकर उत्सुक हैं.’’
द्रविड़ ने बेसिक्स पर ध्यान देने को कहा
कानपुर में पहले टेस्ट में 13 और 17 रन की पारियां खेलने वाले अग्रवाल ने कहा कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें कहा था कि अपनी तकनीक में बदलाव नहीं करो. उन्होंने कहा, ‘‘राहुल भाई ने मुझे कहा कि सीरीज के बीच में तकनीक के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है. इसी तकनीक के साथ तुमने रन बनाए हैं, मानसिक रूप से खुद को मजबूत रखो, अपनी रणनीति पर कायम रहो और रन अपने आप बनेंगे.’’
गावस्कर की सलाह से मिली मदद
सुनील गावस्कर से मिली सलाह पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘सनी सर ने मुझे कहा था कि शुरुआत में बल्ला नीचा रखो, बायें कंधे को थोड़ा बाहर की तरफ रखकर खेलो... इससे मदद मिली. ’’
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