पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंबाती रायडू ने हाल ही में एक बातचीत में खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी अक्सर उनके तेज गुस्से की तुलना टिन की छत से करते थे, जो जल्दी गर्म हो जाती है. रायडू ने बताया कि ‘थाला’ ने उन्हें अंपायर से वाइड या नो-बॉल के बारे में शिकायत करने से मना किया और सलाह दी कि वे बल्लेबाजी पर ध्यान दें, क्योंकि बहस करने से टीम को फेयर प्ले अंक गंवाने पड़ सकते हैं.
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धोनी सिर्फ बैटिंग पर ध्यान देने के लिए कहते थे
रायडू ने जियोहॉटस्टार के ‘चीकी सिंगल्स’ पर कहा कि, “कभी-कभी, माही भाई मुझसे कहते थे, जैसे टिन की छत जल्दी गर्म हो जाती है, वैसे ही तुम भी जल्दी गुस्सा हो जाते हो. हम अंपायर को बताते थे कि गेंद वाइड थी या नो-बॉल थी, और वे हमेशा मुझसे कहते, ‘बस बल्लेबाजी पर ध्यान दो, हाथ मत उठाओ. मैं तुम्हारे कारण फेयर प्ले अंक नहीं खोना चाहता.’ मजेदार बात यह है कि उसी साल, वे खुद मैदान पर उतरे, मेरे कारण नहीं, बल्कि इसलिए क्योंकि हम हार रहे थे.''
बता दें कि, रायडू ने 2018 से 2021 तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेला. सीएसके के लिए 61 मैचों में, रायडू ने एक शतक और सात अर्धशतकों के साथ 1,507 रन बनाए. उन्होंने फ्रेंचाइज के साथ दो खिताब जीते और अपने आईपीएल करियर को पांच ट्रॉफी के साथ खत्म किया.
रायडू ने मुंबई के बारे में क्या कहा?
सीएसके में शामिल होने से पहले, रायडू ने इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस के लिए खेला था. रायडू ने एमआई के साथ अपने आठ सीजन के समय को याद करते हुए कहा कि टीम का ड्रेसिंग रूम बहुत एकजुट था और मैदान पर सभी एक-दूसरे का साथ देते थे. रायडू ने 2010 से 2017 तक एमआई के लिए खेला. इस दौरान, उन्होंने 87 मैच खेले, जिसमें 81 नाबाद के सर्वोच्च स्कोर के साथ 1,771 रन बनाए. वे 2013, 2015 और 2017 में तीन खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा थे.
रायडू ने कहा कि, “जब मैं एमआई के लिए खेलता था, तो पूरे ड्रेसिंग रूम में एक अनकहा समझौता था. अगर कोई हम पर हमला करने की कोशिश करता, तो तीन-चार खिलाड़ी तुरंत अपने साथी का समर्थन करने के लिए आगे आ जाते. इसलिए बहुत कम टीमें एमआई से भिड़ने की हिम्मत करती थीं. दूसरी ओर, आरसीबी सभी के पीछे पड़ती थी. कभी-कभी वे मुझे या किसी अन्य एमआई खिलाड़ी को एक-दो बार छेड़ते थे, लेकिन अंत में उन्हें भी समझ आ गया कि एमआई से उलझना समझदारी नहीं है.”
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