वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का आगाज 17 जून से श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज से हो रहा है. दोनों टीमें गॉल के मैदान में आमने-सामने होंगी. इससे पहले श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने इस बात पर दुख जताया कि उनकी टीम को कम टेस्ट खेलने को मिल रहे हैं. वे गॉल में करियर का आखिरी टेस्ट खेल रहे हैं. श्रीलंका को साल 2025 में केवल चार टेस्ट खेलने हैं. 2013 के बाद एक कैलेंडर ईयर में यह उसके सबसे कम टेस्ट हैं.
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श्रीलंका डब्ल्यूटीसी 2025-27 में केवल 12 टेस्ट खेलेगा. यह पिछली साइकल से भी कम है जब उसने 13 मुकाबले खेले थे. बांग्लादेश को भी 12 टेस्ट ही वर्तमान साइखल में खेलने को मिलेंगे. वहीं ऑस्ट्रेलिया को 22, इंग्लैंड को 21 और भारत को 18 टेस्ट खेलने हैं. श्रीलंका के कप्तान धनंजय डिसिल्वा ने भी फरवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले मसले को उठाया था.
मैथ्यूज बोले- कम टेस्ट मिलना दुख की बात
मैथ्यूज ने आखिरी टेस्ट से पहले कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यह दुख की बात है. मेरा मतलब है कि युवा पीढ़ी ज्यादा टेस्ट क्रिकेट चाह रही है. टेस्ट क्रिकेट सर्वोच्च स्तर है. हम सबको ज्यादा टेस्ट के लिए जोर लगाना चाहिए. ये लोग टेस्ट क्रिकेट के लिए काफी उत्साहित हैं.'
मैथ्यूज बोले- श्रीलंका टेस्ट खेलने का हकदार है
वर्तमान में केवल भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ही ऐसे हैं जो पांच टेस्ट की सीरीज खेलते हैं. इनके अलावा भी तीन टेस्ट की सीरीज अब कम होती जा रही है. मैथ्यूज ने कहा कि उनके देश ने क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया है.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक साल में कम से कम 10 टेस्ट तो होने ही चाहिए. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसी टीम टीमें एक साल में 15 से ज्यादा मैच खेल रही हैं. हम क्यों नहीं खेल सकते? हम खेल सकते हैं. अगर हम जोर लगाए तो मेरा कहना है कि हमें ऐसा करना होगा. हमने वर्ल्ड कप जीते हैं. हमने एक देश के रूप में क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया है और हम ऑस्ट्रेलिया, भारत और इंग्लैंड की तरह ही टेस्ट क्रिकेट खेलने के हकदार हैं.'
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