BCCI को 38.5 नहीं 10 फीसदी रेवेन्यू दो, 21-21 दिन के चार विंडो में हो इंटरनेशनल क्रिकेट, क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने की सिफारिश

वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) ने क्रिकेट के ढांचे में बदलाव को लेकर सिफारिशों की एक रिपोर्ट तैयार की है. छह महीने तक किए गए रिव्यू के बाद इसे बनाया गया है.

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The Indian team will be wearing black armbands during the match (Courtesy: Getty)

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WCA रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीएल के अलावा किसी टी20 लीग के लिए विंडो नहीं है.

WCA ने छह महीने तक रिव्यू करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है.

WCA ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले सर्वे किया जिसमें कई क्रिकेटर शामिल हुए.

वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) ने क्रिकेट के ढांचे में बदलाव को लेकर सिफारिशों की एक रिपोर्ट तैयार की है. छह महीने तक किए गए रिव्यू के बाद इसे बनाया गया है. इसमें इंटरनेशनल क्रिकेट के विंडो, टी20 लीग्स के बेहतर मैनेजमेंट और आईसीसी के सदस्य देशों के बीच बराबरीभरे राजस्व वितरण को लेकर सुझाव दिए गए हैं. इस रिपोर्ट में बीसीसीआई की कमाई में कटौती करने का सुझाव दिया गया है. WCA ने दुनियाभर के अलग-अलग देशों के क्रिकेटर्स से बात की और इसके बाद इसे तैयार किया. WCA ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले सर्वे किया. इसमें पैट कमिंस, जॉस बटलर, जेसन होल्डर, कोरे एंडरसन, टिम साउदी, एडन मार्करम, मैथ्यू क्रॉस, एलिसा हीली, हेदर नाइट, जहांनारा आलम, लॉरा वूलवार्ट, सॉफी डिवाइन, हेली मैथ्यूज, लॉरा डेलानी, क्रेग इर्विन, राशिद खान, गेरहार्ड इरेस्मस, प्रियानाज चटर्जी, मेग लेनिंग शामिल हुए.

WCA रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीएल के अलावा किसी टी20 लीग के लिए विंडो नहीं है. इससे खिलाड़ी नेशनल कॉन्ट्रेक्ट छोड़ रहे हैं. इसके उपाय के लिए हर साल 21-21 दिन के चार विंडो रखे जाएं जिसमें हरेक टीम अपनी डिवीजन की दूसरी टीम से खेलें. हरेक सीरीज में हर फॉर्मेट का कम से कम एक मैच रखा जाए. इस दौरान कहीं पर कोई भी टी20 लीग न हो. टीमें इस विंडो से इतर भी द्विपक्षीय सीरीज खेल सकती हैं. रिपोर्ट में साल 2028 से नया कैलेंडर शुरू करने की सिफारिश की गई है. इसमें फरवरी-मार्च, मई-जून, सितंबर और दिसंबर में विंडो का सुझाव दिया गया है.

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रिपोर्ट में आईसीसी सदस्य देशों के रेवेन्यू वितरण पर भी बात की गई है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान में वैश्विक क्रिकेट वित्तीय मोर्चे पर संतुलित नहीं है. इस वजह से यह खेल वैश्विक स्तर पर धाक नहीं जमा पा रहा. साथ ही खिलाड़ियों को भी सही अनुपात में कमाई नहीं हो रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के पहले तीन महीनों में 70 फीसदी रेवेन्यू जेनरेट होता है. साथ ही 83 फीसदी रेवेन्यू केवल तीन देशों- भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में बंट जाता है. इन तीन देशों के अलावा बाकी देश केवल चार फीसदी रेवेन्यू जेनरेट कर पाते हैं. खिलाड़ियों को कुल रेवेन्यू का महज 10 फीसदी ही मिलता है. 

WCA ने राजस्व वितरण का एक नया मॉडल अपनाने का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत टॉप 24 देशों के लिए कम से कम दो फीसदी से लेकर अधिकतम 10 फीसदी रेवेन्यू रहे. इसका मतलब है कि बीसीसीआई को केवल 10 फीसदी रेवेन्यू ही मिलेगा. अभी उसे 38.5 फीसदी रेवेन्यू आईसीसी से मिलता है. 

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