गौतम गंभीर की ऑस्ट्रेलिया में इस हरकत ने BCCI को किया नाराज, सेलेक्टर्स का दुखाया दिल, रिपोर्ट में सनसनीखेज़ खुलासा

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के बर्ताव ने बीसीसीआई के आला अधिकारियों और सेलेक्टर्स को नाराज किया. इसके चलते यह दिग्गज निशाने पर है. गौतम गंभीर के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने मैनेजर (पीए) को हर जगह साथ रखने पर भौहें तन गई हैं.

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गौतम गंभीर ने जुलाई 2024 में टीम इंडिया के कोच की जिम्मेदारी संभाली थी.

गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद से भारत वनडे और टेस्ट में संघर्ष कर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का प्रदर्शन गौतम गंभीर का भविष्य तय करेगा.

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के बर्ताव ने बीसीसीआई के आला अधिकारियों और सेलेक्टर्स को नाराज किया. इसके चलते यह दिग्गज निशाने पर है. गौतम गंभीर के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने मैनेजर (पीए) को हर जगह साथ रखने पर भौहें तन गई हैं. जिस तरह का ट्रीटमेंट भारतीय कोच ने अपने पीए को दिलवाया वह बीसीसीआई को रास नहीं आया. साथ ही सेलेक्टर्स भी इसके चलते नाराज हैं. उनका मानना है कि गंभीर की सेलेक्शन के मामले में भूमिका कम होनी चाहिए.  

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया में हर जगह साये की तरह अपने मैनेजर को लेकर गए उसने सवाल खड़े किए हैं. एक बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से लिखा है, उसका पीए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की कार में क्या कर रहा था. एक अनजान व्यक्ति की मौजूदगी में तो वे बात भी नहीं कर सकते थे. उसे एडिलेड में बीसीसीआई के हॉस्पिटेलिटी बॉक्स में जगह कैसे मिली. वह फाइव स्टार होटल में उस जगह पर नाश्ता कैसे कर रहा था जो टीम के सदस्यों के लिए रखी गई थी.’

'ग्रेग चैपल से मिलती है गंभीर के रवैये की झलक'

 

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक पूर्व सेलेक्टर को लगता है कि गंभीर में पूर्व कोच ग्रेग चैपल के रवैये की झलक दिखती है. ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट में काफी बवाल हुआ था. उनके ट्रेनिंग के तरीके सीनियर खिलाड़ियों को रास नहीं आए थे. पूर्व सेलेक्टर ने पीटीआई से कहा, या तो आप रवि शास्त्री की तरह मीडिया के दोस्त बनकर रहिए और खिलाड़ियों की ‘अल्फा मेल’ की छवि देने वाले बयान देते रहिए. या राहुल द्रविड़, गैरी कर्स्टन या जॉन राइट की तरह चुपचाप अपना काम करके खिलाड़ियों को सुर्खियों में रहने दीजिए. भारत में चैपल का तरीका नहीं चलेगा. गंभीर, शास्त्री या द्रविड़ तो आते-जाते रहेंगे लेकिन खिलाड़ी बने रहेंगे.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का प्रदर्शन गंभीर का भविष्य तय करेगा. अगर इसमें नतीजे माकूल नहीं आए तब कोच के लिए दिक्कत हो सकती है. उनकी नियुक्ति के बाद से भारत को टी20 फॉर्मेट में तो कामयाबी मिली है लेकिन टेस्ट और वनडे में नतीजे उम्मीद से एकदम उलट है.

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