इंग्लैंड के बर्मिंघम (Birmingham) में 28 जुलाई से आठ अगस्त के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) खेल आयोजित किए जाने हैं. जिसको लेकर चारों तरफ चर्चा है और भारत ने 322 सदस्यीय दल इन खेलों के लिए भेजा है. ऐसे में सभी के मन में ये सवाल उठ रहा होगा. आखिर क्या है ये कॉमनवेल्थ गेम्स और कैसे इसका नाम कॉमनवेल्थ रखा गया. जबकि कौन-कौन से देश इसमें सम्मिलित होते हैं और पहली बार ये खेल कब खेले गए. कॉमनवेल्थ गेम्स (राष्ट्रमंडल खेल) एक अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह है. जो हर 4 साल में आयोजित किए जाते हैं. चलिए जानते हैं कॉमनवेल्थ गेम्स के सुनहरे इतिहास पर एक नजर.
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दरअसल, ब्रिटिश राज के अधीन आने वाले देशों के बीच खेलों की शुरुआत हुई. जिसे कॉमनवेल्थ गेम्स कहा जाता है. अब ये ओलिंपिक, एशियन गेम्स के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट हैं. पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के शहर हैमिल्टन में हुआ था. उस वक्त इसे ब्रिटिश एंपायर गेम्स के नाम से जाना जाता था. मूल रूप से इन खेलों में केवल सिंगल्स कम्पीटिशन खेल होते थे लेकिन 1998 में कुआलालम्पुर में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में एक बड़ा बदलाव देखा गया. जब क्रिकेट, हॉकी और नेटबॉल जैसे खेल पहली बार हिस्सा बनें.
भारत ने कब लिया हिस्सा
भारत पहली बार 1934 में ब्रिटिश झंडे के नीचे खेला क्योंकि तब भारत में अंग्रेज़ों का शासन था. भारत के लिए कामनवेल्थ में सबसे पहला गोल्ड मेडल 1958 में मिल्खा सिंह ने दिलाया. 1954 से 1966 तक कॉमनवेल्थ गेम्स को ब्रिटानी साम्राज्य और कॉमनवेल्थ गेम्स कहा गया और 1970 और 1974 में इसका नाम ब्रिटेन कॉमनवेल्थ गेम्स रखा गया. सन 1978 में जाकर कहीं इस खेल प्रतियोगिता का नाम कॉमनवेल्थ गेम्स पड़ा और तब से अबतक इसी नाम से जाना जाता है. राष्ट्रमंडल खेलों के पहले संस्करण में कुल 165 पदकों के लिए मुक़ाबले हुए जिसमें इंग्लैंड को 25 स्वर्ण समेत कुल 61 पदक मिले, जबकि मेज़बान कनाडा को 20 स्वर्ण के साथ कुल 54 पदक मिले.
दूसरे एडिशन में 500 एथलीट ने लिया हिस्सा
1934 में दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स यानी ब्रिटिश एंपायर गेम्स लंदन में हुए. इस संस्करण में भारत समेत कुल 16 देशों के 500 एथलीट्स ने हिस्सा लिया. हालांकि, भारत ब्रिटिश झंडे के नीचे खेला क्योंकि तब भारत में अंग्रेज़ों का शासन था. 1938 में राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरी बार आयोजन हुआ. इस बार आयोजन स्थल ऑस्ट्रेलिया का सिडनी था. इस बार कुल 15 देशों ने हिस्सा लिया.
जब 8 साल तक नहीं हुए कॉमनवेल्थ गेम्स
1938 के बाद 8 सालों तक कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन नहीं हुआ। दूसरे विश्वयुद्ध की वजह से अगले 2 बार इसका आयोजन नहीं हुआ लेकिन फिर जब राष्ट्रमंडल खेलों के चौथे संस्करण का आयोजन 1950 में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में हुआ. 1954 में पांचवें राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन एक बार फिर पहले राष्ट्रमंडल होस्ट करने वाले देश कनाडा में हुआ.
भारत का पहला गोल्ड
राष्ट्रमंडल खेलों का छठा संस्करण 1958 में वेल्स में हुआ इस बार के राष्ट्रमंडल में भारत को पहला गोल्ड मेडल मिला. मिल्खा सिंह ने 440 गज़ की दौड़ में रिकॉर्ड बनाया तो 100 किलोग्राम वर्ग के कुश्ती मुक़ाबलों में लीला राम ने स्वर्ण पदक जीता. 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था तब राष्ट्रमंडल के सातवें संस्करण का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हुआ. 1966 में आठवां राष्ट्रमंडल खेल आयोजित किया गया। इस बार इसका आयोजन अमरीकी महाद्वीप में जमैका में हुआ.
पहली बार भारत में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स
2010 में भारत की राजधानी दिल्ली को 19वें राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए चुना गया। 1982 में एशियाई खेलों के आयोजन के बाद से यह दिल्ली में सबसे बड़ा आयोजन हुआ. इस बार भारत ने अपने देश में दर्शकों को निराश नहीं किया और पदकों का शतक लगाया। भारत ने कुल 101 पदक जीते और पदक तालिका में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा. 2022 में ये गेम्स इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जाएंगे. इस बार भारत के एथलीट्स मे काफी उम्मीदें हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कुल 215 खिलाड़ी भारत की तरफ़ से हिस्सा लेने जा रहे हैं. इस टीम में नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहाईं, पीवी सिंधु, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, निखत जरीन जैसै बड़े एथलीट्स हिस्सा लेंगे.
इन खेलों में भारत का अब तक का प्रदर्शन
1934 से लेकर 2018 तक भारत ने कुल 503 मेडल जीते हैं. इनमें 181 गोल्ड, 173 सिल्वर और 149 ब्रॉन्ज़ शामिल है. 1934 से लेकर अबतक के भारत के आंकड़ों की बात करें तो भारत को सबसे ज़्यादा मेडल शूटिंग में हासिल हुए हैं. इसके बाद भारोत्तोलन और कुश्ती का नंबर आता है. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सबसे सफल खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने कुल 15 मेडल हासिल किए हैं. इनमें से 9 गोल्ड, चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज़ हैं. ये दुनिया का पहला खेल आयोजन है जहां महिलाओं और पुरुषों के पदक की मेडलों की समान संख्या होती है और इसे पिछले 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में लागू किया था.
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