इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम ने कमाल कर दिया. उसने इंग्लिश टीम के खिलाफ सीरीज से पहले वॉर्म अप मुकाबला में 444 रन कूट दिए. यह सब हुआ नौवें नंबर पर आए विकेटकीपर बल्लेबाज हरवंश सिंह पंगलिया के चलते. उन्होंने 52 गेंद का सामना किया और नाबाद 103 रन की पारी खेली. इस पारी में उन्होंने आठ चौके लगाए और नौ छक्के उड़ाए. लॉबोरे में खेले जा रहे मुकाबले में एक समय भारतीय टीम की हालत पतली थी लेकिन निचले क्रम ने नैया पार लगा दी.
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पंगलिया ने आरएस अंबरीश के साथ मिलकर भारतीय पारी का परवान चढ़ाया. इन दोनों ने आठवें विकेट के लिए 64 गेंद में 126 रन की साझेदारी की. दोनों खिलाड़ी भारतीय पारी के 31वें ओवर में साथ आए थे. अंबरीश ने 47 गेंद में 72 रन की पारी खेली. पंगलिया ने चौका, छक्का, छक्का और छक्का उड़ाते हुए शतक पूरा किया.
उनके अलावा राहुल कुमार ने 75 और कनिष्क चौहान ने 79 रन की पारी खेली. इन दोनों ने छठे विकेट के लिए 142 रन की साझेदारी की. दोनों ने ही पांच-पांच छक्के लगाए.
भारत का टॉप ऑर्डर रहा नाकाम
इससे पहले भारत का टॉप ऑर्डर सस्ते में निपट गया था. एक समय भारत का स्कोर 13वें ओवर में पांच विकेट पर 91 रन था. वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे जैसे जाने-पहचाने नाम कुछ खास नहीं कर पाए. लेकिन निचले क्रम ने जादू बिखेर दिया. इंग्लिश टीम की ओर से मैमी लम्सडेन को चार विकेट मिले लेकिन उन्होंने 10 ओवर में 102 रन खर्च किए. मैथ्यू फिरबैंक ने 66 रन देकर तीन शिकार किए. इन दोनों ने ही सूर्यवंशी और म्हात्रे के विकेट लिए थे.
हरवंश ने 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उड़ाया था शतक
घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र से आने वाले हरवंश पिछले साल ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 टीम के खिलाफ शतक लगाकर सुर्खियों में आए थे. तब उन्होंने 117 रन की पारी खेली थी. इस पारी में 143 गेंद खेली और छह छक्के और सात चौके लगाए. उन्होंने यह शतकीय पारी आखिरी बल्लेबाज के साथ खेलते हुए खेली थी. उऩ्होंने अनमोलजीत सिंह (11) के साथ 107 रन में 90 रन की साझेदारी की थी. इससे भारतीय टीम 492 के स्कोर तक पहुंची.
हरवंश ने क्रिकेट के लिए छोड़ा कनाडा जाना
हरवंश के पिता दमनप्रीत सिंह कनाडा में ट्रक ड्राइवर हैं. कुछ साल पहले उनके पास भी भारत छोड़कर वहां जाने का विकल्प आया था लेकिन वह नहीं गए. वह मां के साथ भारत में रहते हैं जबकि बाकी परिवार कनाडा चला गया. हरवंश ने यह फैसला भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने के लिया था. वे युवराज सिंह को अपना आदर्श मानते हैं. उन्हीं की वजह से बाएं हाथ से बैटिंग करने लगे थे.
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