भारत ने जिस नियम का फायदा उठाकर ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड को हराया, उसे ICC ने बदल डाला, जानिए पूरा मामला

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने पिछले दिनों क्रिकेट से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया. इसके तहत कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर भी फैसला हुआ.

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हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह

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ICC ने हाल ही में कन्कशन सब्सटीट्यूट नियमों में बदलाव किया है.

कन्कशन सब्सटीट्यूट तब मिला है जब किसी खिलाड़ी को सिर में गेंद से चोट लगतीहै.

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने पिछले दिनों क्रिकेट से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया. इसके तहत कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर भी फैसला हुआ. आईसीसी ने कन्कशन नियमों में बदलाव किए हैं. कहा जा रहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ समय में इन नियमों में छुपे लूपहोल्स का फायदा लिया और जीत हासिल की. इसकी वजह से आईसीसी को फैसला करना पड़ा. अब जान लेते हैं कि पूरा मामला क्या है, आईसीसी ने कन्कशन नियमों में क्या बदलाव किया और टीम इंडिया पर कौनसे आरोप लग रहे हैं.

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आईसीसी के अनुसार, अब से टीमों को मैच से पहले कन्कशन रिप्लेसमेंट की जानकारी देनी होगी. इसके तहत प्लेइंग इलेवन के अलावा कौनसे खिलाड़ी कन्कशन होने की स्थिति में आ सकते हैं उनके बारे में बताना होगा. आईसीसी का कहना है कि अभी घरेलू टीमों के पास काफी विकल्प होते हैं तो वह ज्यादा खिलाड़ियों में से किसी को रिप्लेसमेंट बनाया जाता है. दौरा करने वाली टीमों के पास ऐसी सुविधा नहीं होती है. नए नियम के तहत कन्कशन सब्सटीट्यूट के लिए एक बल्लेबाज, एक ऑलराउंडर, एक गेंदबाज और एक विकेटकीपर का नाम देना होगा.

कन्कशन नियमों में हुए दूसरे बदलाव के तहत अगर कोई खिलाड़ी मैच के दौरान कन्कशन के चलते बाहर होता है तब वह कम से कम सात दिन तक खेल से दूर रहेगा. आईसीसी मेडिकल एडवायजरी कमिटी के सुझाव पर यह फैसला लिया गया है. बताया गया कि खिलाड़ी की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है.

भारत ने कन्कशन सब्सटीट्यूट के लूपहोल्स का कब उठाया फायदा

 

अब आईसीसी के नियम तो साफ हो गए. जानिए भारतीय टीम पर किस तरह से पुराने नियमों के लूपहोल्स का फायदा लेने का आरोप है. साल 2025 की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान पुणे में खेले गए मुकाबले में भारतीय पारी की आखिरी गेंद पर जैमी ऑवर्टन की गेंद शिवम दुबे के सिर पर लगी. वह आखिरी गेंद पर रन आउट होकर वापस गए. उन्होंने 53 रन की पारी खेली. भारत ने बल्लेबाजी के बाद उन्हें कनक्शन सब्सटीट्यूट कर दिया और हर्षित राणा उनकी जगह आए. इस खिलाड़ी ने 33 रन देकर तीन विकेट लिए और भारत 15 रन से जीत गया. इसके बाद इंग्लैंड की तरफ से सवाल उठाए गए कि हर्षित सही सब्सटीट्यूट नहीं थे. वे जितने अच्छे बॉलर हैं वैसे शिवम नहीं है. ऐसे में भारत को एडवांटेज मिला.

2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में मिला था फायदा

 

ऐसा ही कुछ 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी हुआ था. तब रवींद्र जडेजा को आखिरी ओवर में सिर पर गेंद लगी. कैनबरा में खेले गए टी20 मुकाबले में जडेजा ने 23 गेंद में नाबाद 44 रन की पारी खेली. इसके बाद वे कन्कशन के चलते मैच से बाहर हो गए. उनकी जगह भारत को युजवेंद्र चहल का विकल्प मिला और उन्होंने 25 रन देकर तीन विकेट लेते हुए भारत को जीत दिलाई. ऑस्ट्रेलियाई खेमे ने चहल को सब्सटीट्यूट बनाने पर काफी हंगामा किया था. उनका तर्क था कि जडेजा ऑलराउंडर थे और उनकी जगह एक स्पेशलिस्ट स्पिनर को देना गलत था. हालांकि कन्कशन सब्सटीट्यूट के नियमों के अनुसार, मैच में चोटिल होने वाले खिलाड़ी की जो दूसरी भूमिका होगी वैसा खिलाड़ी मिलता है.

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